Bihar Politics: चुनाव की शुरुआत में ही बिगड़ने लगे नेताओं के बोल, मीसा से लेकर रोहिणी ने दिए विवादित बयान
Lok Sabha Elections 2024 बिहार में शुक्रवार को पहले चरण की चार सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। तमाम राजनीतिक दलों की नजर अब दूसरे चरण पर है। लेकिन पहले दौर का चुनाव आते-आते नेताओं के बोल बिगड़ने शुरू हो गए हैं। चुनाव में हालांकि नेताओं की जुबान के बहक जाने का सिलसिला कोई आज का नहीं। हर चुनाव में यह होता रहा है।
सुनील राज, जागरण, पटना। बिहार की राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों को 2015 का विधानसभा चुनाव याद होगा। उस दौरान महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रहे नीतीश कुमार के डीएनए को लेकर जो कहा गया वह सबको याद होगा। उस दौरान डीएनए को लेकर पक्ष और विपक्ष की ओर से खूब आरोप-प्रत्यारोप हुए और चुनावों पर डीएनए का असर भी दिखा।
हालांकि 2024 में डीएनए जैसा कोई मामला अब तब नहीं उठा है, लेकिन मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से पहले दौर के मतदान के पूर्व ही प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को जेल भेजने से लेकर प्रतिद्वंद्वी को बेवकूफ कहने के तक के वाक्ये हो चुके हैं। यही नहीं, हद तो यह हो गई नेता को सुनने आए समर्थक विरोधियों के परिवार को लेकर अपशब्द कहते नजर आ रहे हैं।
मीसा के बयान पर हुआ विवाद
पाटलिपुत्र सीट से राजद उम्मीदवार डॉ. मीसा भारती पिछले दिनों मनेर में चुनाव प्रचार के दौरान आग बबूला हो गई हैं और कह गईं कि यदि जनता ने महागठबंधन को मौका दिया तो प्रधानमंत्री समेत भाजपा के तमाम नेता सलाखों के पीछे नजर आएंगे।उनका यह बयान भाजपा को काफी नागवार गुजरा और भाजपा समेत तमाम दलों ने इसकी जमकर निंदा की। अगले दिन मीसा अपने बयान से मुकर गई। उन्होंने कहा, उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।
रोहिणी आचार्य ने रूडी के लिए कहे अपशब्द
अभी यह विवाद थमा भी नहीं था कि सारण से चुनाव मैदान में राजद के टिकट पर उतरी रोहिणी आचार्य ने अपने प्रतिद्वंद्वी राजीव प्रताप रूडी के बारे में अपशब्द कह दिए।उन्होंने विरोधी को बेवकूफ बताते हुए कहा जनता का उन्हें बार-बार आशीर्वाद मिलता है, लेकिन वे भाग जाते हैं। पांच साल बाद ही नजर आते हैं। जिसके बाद भाजपा ने निंदा करते हुए इसे मानसिक दिवालियापन बताया।
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