बिहार में पाक्सो कोर्ट ने बुधवार को एक आदेश सुनाते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को कड़ी सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी को सात साल के लिए कठोर कारावास की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही बिहार सरकार को नाबालिग पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
By ahmed raza hasmiEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 26 Jul 2023 11:13 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में रिश्ते के मामा को कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पर जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के अनुसार, मैट्रिक परीक्षा में नंबर बढ़वाने का लालच देकर नाबालिग छात्रा को अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में पाक्सो एक्ट के विशेष जज सुरेंद्र प्रसाद की अदालत ने
बुधवार को यह फैसला सुनाया।
सात साल कठोर कारावास की सजा
कोर्ट ने अभियुक्त को सात वर्ष की कठोर कारावास और पचास हजार रुपये आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई। मामले में अभियुक्त नालंदा जिले का निवासी है।
अभियुक्त
दुष्कर्म पीड़िता का रिश्ते में दूर का मामा लगता है। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आर्थिक जुर्माना सहित तीन लाख रुपये मुआवजे के रूप में बिहार सरकार से दिलाने का भी निर्देश दिया है।
पीड़िता के पिता ने दर्ज कराया था मुकदमा
पाक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक मोहम्मद गयासुद्दीन ने बताया कि पीड़िता के पिता के फर्द बयान पर मामला दर्ज किया गया था।
फर्द बयान के अनुसार, एक मई को उनकी पुत्री जब घर से बाहर निकली तो नहीं लौटी। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
मोबाइल कॉल की लोकेशन के आधार पर आठ मई को पुलिस ने अभियुक्त को
दुष्कर्म पीड़िता के साथ गिरफ्तार किया था।
पीड़िता ने बयान किया था दर्द
पीड़िता ने अपने 164 के बयान में अदालत को बताया था कि अभियुक्त ने मैट्रिक की परीक्षा में 80 प्रतिशत नंबर बढ़ाने का लालच देकर मिलने के लिए कहा था।
इसीलिए पीड़िता उससे मिलने गया स्टेशन चली गई थी। वहां से अभियुक्त ने पीड़िता को नालंदा ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था।
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