खाना बनाने के लिए किस गैस का उपयोग नहीं होता- LPG, जानिए क्या है मामला?
बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन पर सवाल उठ रहे हैं। परीक्षा समिति की ओर से जारी स्कोरिंग की और मार्किंग स्कीम की में कई सवाल के जवाब गलत पाए गए हैं।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Mon, 08 May 2017 11:52 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड ने मूल्यांकन के लिए सभी शिक्षकों को स्कोरिंग-की और मार्किंग स्कीम उपलब्ध कराई थी, इसी आधार पर शिक्षकों ने मूल्यांकन किया लेकिन इस आंसर-की में काफी गलतियां हैं। ऐसे में मूल्यांकन पर ही सवाल उठ रहे हैं।
खाना बनाने के लिए किस गैस का उपयोग नहीं होता? बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जारी स्कोरिंग-की और मार्किंग स्कीम की मानें तो इस सवाल का जवाब एलपीजी है। इसी मार्किंग स्कीम और स्कोरिंग-की के आधार पर मैट्रिक के परीक्षार्थियों का मूल्यांकन किया गया है।बता दें कि इस बार माध्यमिक शिक्षकों की हड़ताल के बाद बोर्ड ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के स्नातक शिक्षकों से कॉपियों की जांच करवाई है। अब शिक्षक सवाल उठा रहे हैं कि अगर इसी आंसर-की पर मार्किंग की गई तो वह कितना सही हुआ होगा? मैट्रिक का मूल्यांकन समाप्त हो चुका है बोर्ड अब रिजल्ट देने की तैयारी कर रहा है।
साइंस में सात सवालों के जवाब थे गलतशिक्षकों के अनुसार बोर्ड की ओर से विज्ञान विषय के लिए जारी की गई स्कोरिंग-की और मार्किंग स्कीम में सात प्रश्नों के उत्तर गलत हैं। एलपीजी का सवाल फिजिक्स के भाग बी में चौथे नंबर पर पूछा गया था। इसी तरह से फिजिक्स के भाग अ में प्रश्न संख्या 1, 4 तथा 8 गलत हैं। केमिस्ट्री में प्रश्न संख्या 1 तथा बायोलॉजी में प्रश्न संख्या 3 के उत्तर गलत हैं।
वहीं भाग बी (एमसीक्यू) में फिजिक्स की प्रश्न संख्या 4, केमिस्ट्री की प्रश्न संख्या 6 का उत्तर गलत उपलब्ध कराया गया था। इसी तरह से सोशल साइंस में मार्किंग स्कीम में गलती की गई। गणित में 25वें सवाल का जवाब भी गलत दिया गया है। अब सवाल है कि विज्ञान में 80 में से 7 नंबर अगर परीक्षार्थी के गलत हो गए तो वह पास भी नहीं कर पाएगा।सिमुलतला में हुए खुलासे के बाद सामने आई बातसिमुलतला आवासीय विद्यालय के लिए हुई प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा में गलत सवाल पूछे जाने और उसके जवाब गलत तैयार किए जाने के मामले के सामने आने के बाद मैट्रिक में यह मामला सामने आया। माध्यमिक शिक्षकों ने शुरुआत में कॉपी जांच का बहिष्कार किया था, ऐसे में विकल्प के तौर पर अन्य शिक्षकों से कॉपियों की जांच कराई गई।बोर्ड ने तब कहा था कि कॉपी जांच में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि बोर्ड की ओर से उन्हें मार्किंग स्कीम तथा आंसर-की उपलब्ध कराई गई है। अब यह सवाल उठ रहा है कि जिन शिक्षकों ने पढ़ाया नहीं, उन्होंने अगर गलत मूल्यांकन किया होगा तो छात्रों के भविष्य के साथ सही नहीं होगा।इन सवालों के जवाब गलतफिजिक्स प्रश्न संख्या 1- मोटरगाड़ी चालक के सामने कौन-सा दर्पण होता है? बोर्ड का जवाब- उत्तल लेंससही जवाब -उत्तल दर्पण प्रश्न संख्या 4- एड्स का पूरा नाम लिखें। बोर्ड का जवाब- aquard imino deficiency syndrome (एक्वार्ड ऐमिनो डिफिसिएयेन्सी सिन्ड्राेम) सही जवाब-acquired immune deficiency syndrome (एक्वायर्ड इम्यून डिफिशिएंसी सिन्ड्रोम) प्रश्न संख्या 4, भाग ब- इनमें से कौन से गैस का उपयोग खाना बनाने के लिए नहीं होता है? बोर्ड का जवाब- एलपीजीसही जवाब-सीएनजीशिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा- यह जांच का विषय हैबिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडे ने बताया कि प्रश्नों का चयन और जवाबों को किसने तैयार किया, यह पूरी तरह से जांच का विषय है। छात्रहित में यह सही नहीं हुआ है। अगर अन्य शिक्षकों ने आंसर-की के आधार पर मूल्यांकन किया होगा तो छात्रों को इससे काफी नुकसान होगा।छात्रों को अंक मिलेंगे-बोर्ड अध्यक्षबिहार विद्यालय समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर का कहना है कि मार्किंग स्कीम या आंसर-की में गलती के चलते छात्रों को कोई परेशानी नहीं होगी। उन्हें पूरे अंक मिलेंगे। बोर्ड की ओर से इस मामले में पहले से ही कार्रवाई की जा रही है। कुछ त्रुटियां हर साल होती हैं, जिसमें छात्रों को एवरेज नंबर दिए जाते हैं।जहां तक प्रश्नों के गलत होने का सवाल है तो कुछ प्रश्न गलत होते हैं, क्योंकि एक बार सेट होने के बाद वह सीधे छपने के लिए चला जाता है कोई देखता नहीं है, तो उसके लिए बोर्ड की ओर से छात्रों को अंक दिए जाते हैं। सिमलुतला के लिए प्रवेश परीक्षा में भी 6 प्रश्न गलत हुए थे, आंसर-की गलत अपलोड करने के लिए कार्रवाई की गई है।
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