Bihar Electricity: पटना में अंडरग्राउंड होंगे बिजली की तार, आंधी-तूफान और बरसात में भी नहीं जाएगी लाइट
पटना में बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 328.52 करोड़ रुपए की विद्युत आधुनिकीकरण परियोजना शुरू की गई है। इसके तहत भूमिगत केबल बिछाए जाएंगे नए सब-स्टेशन बनेंगे जिससे आंधी-तूफान में भी बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी। स्काडा प्रणाली से निगरानी आसान होगी ट्रिपिंग की समस्या कम होगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी की शहरी बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुरक्षित और सुदृढ़ होने के साथ आधुनिक भी होगी। दो सौ किलोमीटर से ज्यादा लंबी केबल भूमिगत की जाएगी। नए सब स्टेशन बनेंगे। संरचनाएं दुरुस्त होंगी। इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 328.52 करोड़ रुपए की विद्युत आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण परियोजना का शुभारंभ किया। इसकी अवधि 24 महीने तय की गई है। इस परियोजना से आंधी-तूफान और वर्षा के मौसम में भी बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। लोड की बढ़ती मांग को पूरा करने की क्षमता बढ़ेगी।
अगले चरण में 568.22 करोड़ से 890 किमी से अधिक अंडरग्राउंड केबलिंग होगी। लगभग 881 किमी कवर्ड वायर रिकंडक्टिंग तथा पेसू क्षेत्र में स्काडा प्रणाली की शुरुआत की जाएगी। स्काडा प्रणाली में निगरानीं एवं नियंत्रण आसान हो जाता है।
ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार फीडर की लंबाई कम होने से ट्रिपिंग और ब्रेकडाउन की समस्याएं कम होंगी और मरम्मत कार्य और तेजी से हो सकेगा। इसके अलावा वोल्टेज फ्लक्चुएशन में कमी, बिजली तारों से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
आरएमयू (रिंग मेन यूनिट) के माध्यम से खराब हिस्से को अलग कर शेष क्षेत्र की आपूर्ति शीघ्र बहाल करने की सुविधा उपलब्ध होगी। ऊर्जा सचिव ने कहा कि इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद पटना शहर की बिजली आपूर्ति पहले से कहीं अधिक सुरक्षित होगी।
अंडरग्राउंड बिजली व्यवस्था से जहां खराबी या ट्रिपिंग की संभावना काफी कम होगी, वहीं आपूर्ति बहाल करना और भी आसान होगा। यह कदम शहरी बिजली ढांचे को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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