Moong Ki Kheti: कम लागत में बंपर कमाई! मूंग की खेती पर नीतीश सरकार का फोकस, सब्सिडी पर दे रही बीज
मूंग की फसल अपने वृद्धि काल में सबसे ज्यादा गर्मी सहन कर सकती है। गर्मी के मौसम में मूंग की खेती करने के दो फायदे हैं। पहला किसान मूंग के फली की एक तोड़ाई कर उपज प्राप्त कर सकते हैं तथा दूसरा फली तोड़ाई के बाद इसके पौधे को मिट्टी में मिलाकर बड़ी मात्रा में हरी खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। Moong Ki Kheti सरकार गर्मी के मौसम में किसानों को अनुदानित दर पर मूंग का बीज उपलब्ध कराने के साथ ही दो से ढाई महीने में (60-70 दिनों) तैयार होने वाले फसल प्रभेदों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।
इसी के तहत जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम में फसल अवशेष का प्रबंधन करते हुए जीरो टिलेज तकनीक से मूंग के खेती का प्रत्यक्षण प्रत्येक जिले के पांच-पांच चयनित गांवों यानी कुल 180 गांवों में किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत चयनित गांवों में 8,030 एकड़ क्षेत्र में जीरो टिलेज तकनीक से मूंग की खेती का प्रत्यक्षण किया गया है।
कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से राज्य के 4,06,107 किसानों के बीच 33,307 क्विंटल मूंग के बीज का अनुदानित दर पर वितरण किया गया है।
मूंग की खेती से बढ़ती है खेत की उर्वरा-शक्ति
मूंग की खेती न केवल धान-गेहूं फसल चक्र में तीसरे फसल के रूप में सघनता को बढ़ाती है, बल्कि फसलों के उत्पादन, उत्पादकता और मिट्टी की उर्वरा-शक्ति में भी वृद्धि लाती है।कम लागत में बंपर कमाई!
मूंग की फसल अपने वृद्धि काल में सबसे ज्यादा गर्मी सहन कर सकती है। किसान कम लागत में इस फसल से अधिक लाभ कमा सकते हैं।गर्मी के मौसम में मूंग की खेती करने के दो फायदे हैं। पहला किसान मूंग के फली की एक तोड़ाई कर उपज प्राप्त कर सकते हैं तथा दूसरा फली तोड़ाई के बाद इसके पौधे को मिट्टी में मिलाकर बड़ी मात्रा में हरी खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
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