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    CM Child Heart Scheme: मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी वरदान, 5 साल में 2317 बच्चों को मिला नया जीवन

    बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए एक जीवन रेखा साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की पहचान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से की जाती है और उनका मुफ्त इलाज कराया जाता है। अप्रैल 2021 से अब तक 2317 बच्चों का सफल इलाज हो चुका है।

    By Digital Desk Edited By: Piyush Pandey Updated: Mon, 25 Aug 2025 06:36 PM (IST)
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    मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी वरदान। (फोटो जागरण)

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी बनकर उभरी है।

    इस योजना के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर उनका निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है।

    आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 से अब तक कुल 2317 बच्चों के हृदय का सफल इलाज किया जा चुका है। इनमें सबसे अधिक 1565 बच्चों का निःशुल्क इलाज अहमदाबाद के प्रशांति मेडिकल सर्विसेज और रिसर्च संस्थान (श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल) में हुआ है।

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    वहीं, पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) में 402, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में 149 और जयप्रभा मेदांता अस्पताल में 201 बच्चों के हृदय रोग का इलाज किया गया है।

    आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 338, 2022-23 में 410, 2023-24 में 556, 2024-25 में 764 और 2025-26 में अब तक 249 बच्चों का सफल इलाज हो चुका है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विशेष सहायता मिली है।

    योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज

    मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चे का आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो और माता-पिता का बिहार का निवासी होना अनिवार्य है।