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दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार की हत्या ने दिलाई राजदेव रंजन हत्याकांड की याद, सरेआम मार दी गई थी गोली

बिहार के अररिया जिले में शुक्रवार को पत्रकार विमल कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। इस घटना ने साल 2016 में हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की याद दिला दी है। राजदेव की 13 मई 2016 को सिवान रेलवे स्टेशन के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 18 Aug 2023 03:22 PM (IST)
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पत्रकार विमल कुमार की तस्वीर। फोटो- जागरण

पटना, जागरण डिजिटल डेस्क: बिहार के अररिया जिले में शुक्रवार को दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई। अपराधियों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मारी। सीने पर गोली लगने से विमल की मौत हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, चार साल पहले विमल के छोटे भाई कुमार शशिभूषण उर्फ गब्बू को भी अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया था।

इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पत्रकार विमल इस मामले में इकलौते गवाह थे। इस वक्त हत्या का यही एंगल देखा जा रहा है।

पत्रकार राजदेव रंजन की आई याद

बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेताओं ने विमल की हत्या के लिए दुख जताया है। इस घटना ने पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की याद दिला दी है।

राजदेव की 13 मई, 2016 को सिवान रेलवे स्टेशन के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इसमें से एक आरोपी को कोर्ट ने किशोर घोषित कर किशोर न्याय परिषद को सौंप दिया था। वहीं, दूसरी ओर इस मामले में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत हो चुकी है। छह अन्य आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं।

मोबाइल कंपनी के अधिकारियों की हुई गवाही

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में दो मोबाइल कंपनी के अधिकारियों को गवाही के लिए साल 2022 में समन भेजा गया था।

सीबीआई की अर्जी पर विशेष कोर्ट ने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरसेल के नोडल अफसर सुशील मलहोत्रा व यूनिनॉर के डिप्टी मैनेजर जेके सचन को गवाही के लिए समन भेजने का आदेश दिया था।

इसके अलावा, सीबीआई ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सिवान के महादेवा ओपी महादेवा शिव मंदिर निवासी विश्वजीत कुमार को भी गवाही के लिए पेश किया था।

कोर्ट में गवाही

कोर्ट में इस मामले से जुड़े एक अन्य गवाह विश्वजीत ने साल 2022 में गवाही देते हुए कहा था कि वह आउट सोर्सिंग कंपनी इन्वोसोर्स प्राइवेट लिमिटेड का कर्मचारी है। फिलहाल उसे इंडस टावर लिमिटेड कंपनी के लिए नियुक्त किया गया है। 

उसने कहा कि 2016 में उसे सीनियर आफिस से कुछ पेपर प्रिंट कर सीबीआई आफिस में जमा करने का ई-मेल से आदेश आया। उसने पेपर प्रिंट कर सीबीआई आफिस में सौंप दिया था।

विश्वजीत ने अपनी गवाही में बताया कि इस पेपर में क्या लिखा था, वह नहीं जानता है। पेपर सौंपने के समय सीबीआई अधिकारी के कहने पर उसने अपने हस्ताक्षर कर दिए थे।

इन लोगों को भी सीबीआई ने किया पेश

सीबीआई ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में गवाह के रूप में कोर्ट के समक्ष सिवान के भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष अभिमन्यु कुमार व जिला महामंत्री राहुल तिवारी को भी पेश किया था।

इन गवाहों ने कोर्ट में कहा कि 2016 में जेल में शहाबुद्दीन से राज्य सरकार के तत्कालीन मंत्री अब्दुल गफूर मिलने गए थे।

फोटो के साथ यह खबर अखबार में प्रकाशित हुई थी। बाद में पता चला कि यह खबर पत्रकार राजदेव रंजन ने प्रकाशित की थी।

इसके बाद ही राजदेव रंजन की हत्या हो गई। गवाहों ने यह भी कहा कि इससे पहले उन्हें जानकारी मिली थी कि राजदेव रंजन से उनके ऑफिस में घुसकर कुछ लोगों ने मारपीट की थी।

हालांकि, दोनों ने कोर्ट में यह भी कहा कि राजदेव रंजन की हत्या किस कारण से और किसने करवाई, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। बहरहाल अभी तक पत्रकार राजदेव रंजन का ममला कोर्ट में चल रहा है।

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