Ayodhya Ram Mandir: 'मुस्लिम पक्ष 5 एकड़ जमीन भी छोड़ दे', राम मंदिर निर्माण के बीच अब ये क्या बोल गए JDU नेता
राम मंदिर का निर्माण जारी है। 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी है। इस बीच बिहार में सियासत तेज है। जदयू नेता ने अब मुस्लिम पक्ष से पांच एकड़ जमीन भी छोड़ देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसे ढेर उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि हिन्दू और मुस्लिम शासकों ने एक दूसरे समुदाय के धर्म स्थलों का निर्माण किया।
राज्य ब्यूरो, पटना। JDU On Ram Mandir जदयू के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य प्रो. गुलाम गौस ने कहा है कि भगवान राम का विरोध और उनके नाम पर राजनीति-दोनों गलत है। आम लोग इन दोनों शक्तियों से सावधान रहें। भगवान राम से भारत की पहचान है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वहां मंदिर का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने सोमवार को यहां कहा कि सदभाव प्रदर्शन के लिए मंदिर के नजदीक वह पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष छोड़ दे जो मस्जिद निर्माण के लिए दी गई है, ताकि उस पर श्रद्धालुओं के लिए विश्राम गृह का निर्माण हो सके।
'केंद्र सरकार यह भरोसा भी दे कि...'
प्रो. गौस ने कहा कि केंद्र सरकार 1991 के उपासना स्थल अधिनियम कानून पर कायम रहे, जिसमें पुराने धर्म स्थलों की यथास्थिति बनाए रखने का प्रविधान है। केंद्र सरकार यह भरोसा भी दे कि अयोध्या के बाद किसी अन्य शहर के धर्म स्थल पर विवाद नहीं होगा।
'इतिहास में ऐसे ढेर उदाहरण हैं...'
उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसे ढेर उदाहरण हैं, जिनसे पता चलता है कि हिन्दू और मुस्लिम शासकों ने एक दूसरे समुदाय के धर्म स्थलों का निर्माण किया।
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