Move to Jagran APP

Muzaffarpur Shelter Home Case: दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा, सुनते ही रो पड़ा दरिंदा

मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दिल्ली साकेत कोर्ट ने ये सजा सुनाई है। सजा सुनते ही ब्रजेश ठाकुर रो पड़ा।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Wed, 12 Feb 2020 12:06 PM (IST)
Muzaffarpur Shelter Home Case: दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा, सुनते ही रो पड़ा दरिंदा
पटना, जेएनएन। मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आरोपियों की सजा का ऐलान कर दिया है। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अब वह ताउम्र सलाखों के पीछे रहेगा। सजा का ऐलान होते ही ब्रजेश ठाकुर रो पड़ा। अन्य 19 दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।

बता दें कि दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने चार फरवरी को सजा पर बहस पूरी कर ली थी और उसके बाद 11 फरवरी सजा की तारीख तय की गई थी। इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ ने की थी और जांच की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी और दोषियों को अधिकतम सजा की गुहार लगायी थी।  

ब्रजेश के साथ ही इन दोषियों को भी मिली सजा 

1 - ब्रजेश ठाकुर आजीवन कारावास 20 लाख जुर्माना, जिसमें 4 लाख पीड़िता को मुआवजा दिया जाएगा।

2 - रवि रोशन आजीवन कारावास 1.5 लाख जुर्माना

3 - विकास आजीवन कारावास 14 लाख जुर्माना

4 गुडु पटेल-आजीवन कारावास

इन दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा 

1- किरण कुमारी

2- मधु कुमारी

3- रामानुज ठाकुर

4- मीनू देवी

5- विजय तिवारी 

6 - कृष्णा कुमार 

10 साल की सजा पाए दोषी

1- नेहा कुमारी

2- हेमा मशीह

3- अश्वनी कुमार

4- मीनू देवी

5 - मंजू देवी

6- चांदा देवी

7 - रमा शंकर

8 - इन्दु कुमारी को 3 साल

9 - रोजी रानी 6 महीने​

टिस की रिपोर्ट से हुआ था खुलासा, नाबालिग बच्चियों के साथ होती थी दरिंदगी

बता दें कि TISS (Tata institute of social sciences) की विंग ‘कोशिश’ की रिपेार्ट में बालिका गृह कांड का खुलासा हुआ था, जिसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि बालिका गृह में करीब 40 से अधिक बच्चियों के साथ यौनशोषण किया गया था। नाबालिग बच्चियों ने जो बताया था वो बातें रोंगटे खड़े करने वाली थी। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद तहलका मच गया था। 

रिपोर्ट के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर की संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार सहित अन्य वीभत्स घटनाओं को अंजाम दिया जाता था। रिपेार्ट में हुए खुलासे के बाद 31 मई 2018 को मुजफ्फरपुर महिला थाने में केस दर्ज किया गया था।

बाद में बालिका गृह कांड को लेकर राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा हो गया था। विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में विपक्षी दलों के नेताओं ने बवाल काटा था। बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

राजनीतिक रसूख वाला था ब्रजेश ठाकुर, अब रहेगा जेल में 

बालिका गृहकांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है और जिस तरह के नियमों की अनदेखी करके बालिका गृह का संचालन बिना रोकटोक चल रहा था और सरकारी फंड भी मिल रहा था, उससे पता चलता है कि उसकी पैठ सियासी गलियारों से लेकर ब्यूरोक्रेसी के कॉरिडोर तक थी। उनकी मदद से वह हर चीज को मैनेज कर लिया करता था।

एनजीओ के साथ ही वह कई तरह के अखबार का भी प्रकाशन किया करता था और इसका दफ्तर बालिका गृह के प्रांगण में ही था। सबसे दिलचस्प बात ये थी कि टिस की रिपोर्ट के बाद उसके एनजीओ को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था और इसके बावजूद उसे भिखारियों के लिए आवास बनाने के वास्ते हर महीने 1 लाख रुपये का प्रोजेक्ट दिया गया था। हालांकि, बाद में इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।