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नैक ने विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव, अब इन 10 मापदंडों के आधार पर होगी समीक्षा

NAAC New Accreditation System विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नैक जांच की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। नैक जांच की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। इस नई प्रक्रिया से नैक जांच के पैरामीटर पहले से आसान हो गए हैं। नैक ने अब विश्वविद्यालयों के मूल्याकंन के लिए 10 मापदंड तय किए हैं। अब पहले की तरह ग्रेडिंग नहीं बल्कि लेवल तय किए जाएंगे।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 28 Jul 2024 01:27 PM (IST)
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नैक ने विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग प्रक्रिया में किया बदलाव।
दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नैक जांच की प्रक्रिया अब ऑनलाइन पूरी होगी। जनवरी से लागू होने जा रही इस नई पद्धति में नैक जांच का पैरामीटर पहले से आसान हो गया है।

अब नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) द्वारा शिक्षण संस्थानों के काम का मूल्यांकन करने के लिए 10 मापदंड तय किए गये हैं।

इनमें रिसर्च एंड इनोवेशन आउटकम, पाठ्यक्रम, फैकेल्टी, संसाधान, टीचिंग-लर्निंग एक्सीलेंस, सह शैक्षणिक एवं इतर शैक्षणिक, समाज व सामुदायिक गतिविधियां, ग्रीन एक्टीविटीज, शैक्षणिक प्रबंधन, मूलभूत संसाधन विकास एवं वित्तीय संसाधन प्रबंधन को रखा गया है। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाएगा।

अब पहले की तरह ग्रेडिंग भी नहीं होगी। मात्र लेवल तय किए जाएंगे। लेवल एक से लेवल पांच का स्तर दिया जाएगा। लेवल पांच वाला संस्थान सेंटर फॉर एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त करेगा। यह सर्वोच्च श्रेणी होगी। इससे पहले नैक से मूल्यांकित संस्थानों को ए, बी, सी और डी ग्रेड ग्रेड दिए जाते थे।

राज्य के संस्थानों को नये सिरे से करनी होगी तैयारी 

शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि नैक ने अपनी नई पद्धति का नाम बाइनेरी एक्रीडेशन सिस्टम दिया है।

यह दुनिया के कई अग्रणी देशों में अपनायी जाने वाली सर्वोत्तम पद्धति है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत भारत में भी इसे लागू किया गया है।

क्या है नैक जांच की नई प्रक्रिया

नैक जांच की नई प्रक्रिया के अनुसार, राज्य के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को तैयारी करनी होगी। पहले नैक जांच में सात मापदंड और 56 बिंदु शामिल थे।

अब नई पद्धति के अनुसार, अब सिर्फ दस्तावेज के आधार पर संस्थानों का मूल्यांकन किया जाएगा। पहले से चली आ रही भौतिक निरीक्षण की प्रक्रिया को समाप्त कर दी गई है।

अब मूल्यांकन प्रक्रिया में संस्थानों द्वारा सौंपे गए दस्तावेज के आधार पर उन्हें एक्रीडिटेशन और नॉन एक्रीडिटेशन की मान्यता दी जाएगी।

संस्थान जो दस्तावेज नैक को सौपेंगे, उसके प्रमाण पत्र भी देने होंगे। जिस संस्थान के कागजात अधूरे होंगे और उनके पास कोई विशेष उपलब्धि नहीं होगी। अनुदान से वंचित होंगे।

दो चरणों में होगा मूल्यांकन

नई प्रक्रिया में उच्च शिक्षण संस्थानों का नैक मूल्यांकन दो चरणों में होगा। पहले चरण के दो स्वरूप होंगे।

संस्थान में शिक्षण गुणवत्ता, सुविधाएं, परिणाम, इंफ्रास्ट्रक्चर, शैक्षणिक माहौल आदि के हिसाब से लेवल तय किया जाएगा।

पहले चरण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तय मानकों को सफलता पूर्वक लागू करवाने वाले संस्थानों को अच्छा माना जाएगा। नैक मूल्यांकन के दूसरे चरण में पांच श्रेणियों में व्यवस्थाओं को देखा-परखा जाएगा।

नैक को देनी होगी प्रोफेसरों की रिसर्च और पेंटेंट की जानकारी

उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रोफेसरों की रिसर्च और पेंटेंट की जानकारी नैक को देने होंगे। विद्यार्थियों के शोध पत्र व नवाचार आदि के बारे में प्रमाण के साथ वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे।

नए पैरामीटर में प्रोजेक्ट सेमिनार, प्रयोगशाला, नवाचार के साथ-साथ रिसर्च को महत्व दिया गया है। इससे विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

कौशल विकास से शिक्षा रोजगारोन्मुखी होगी। छात्रों को प्रथम वर्ष से ही शोध करवाने होंगे। इससे प्रैक्टिकल/व्यावहारिक ज्ञान में भी इंटर्नशिप के माध्यम से वृद्धि होगी।

नई प्रक्रिया में रोजाना या साप्ताहिक रूप से डेटा प्रबंधन के साथ-साथ टींचिंग लर्निंग का डेटा भी सार्वजनिक करना होगा। संस्थानों को शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के सामाजिक व सामुदायिक योगदान का रिकार्ड भी रखना होगा।

पटना विश्वविद्यालय और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.रासबिहारी सिंह का कहना है कि नैक जांच की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को गति देना है।

मान्यता प्राप्त संस्थानों को उच्चतम स्तर हासिल करने हेतु एक से लेकर पांच तक के लेवल पर रखा जाएगा, जिससे उनकी परफॉर्मेंस का पता चल सके।

इससे होगा यह कि संस्थान बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान और शिक्षा के लिए वैश्विक उत्कृष्टता संस्थान की रेस में शामिल होंगे।

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