NEET UG 2024 Paper Leak नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई लगातार एक्शन ले रही है। इसी क्रम में टीम ने पटना एम्स के चार छात्रों को गिरफ्तार किया है। चारों छात्र फिलहाल बेउर जेल के प्रशासनिक वार्ड में बंद हैं। वहीं इन सभी के लिए एक राहत भरी खबर है कि पटना एम्स के डायरेक्टर ने इन्हें अभी निलंबित नहीं करने का फैसला लिया है।
जागरण संवाददाता, पटना। नीट यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार एम्स पटना के चार छात्रों को अभी निलंबित नहीं किया जाएगा। साथियों की गिरफ्तारी से तनावग्रस्त एमबीबीएस-नर्सिंग छात्र-छात्राओं के साथ बैठक में यह जानकारी संस्थान के निदेशक सह सीईओ प्रो. डा. गोपाल कृष्ण पाल ने शुक्रवार को दी।
उन्होंने बताया कि अभी तक सीबीआई कार्यालय से कोई लिखित दस्तावेज संस्थान को उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके अलावा गुरुवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट के जज ने भी चारों छात्रों को दोषी करार नहीं दिया है। इस परिस्थिति में उनके निलंबन की बाबत कोई निर्णय लेना उचित नहीं होगा।
सीबीआई द्वारा पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद दोबारा विशेष बैठक बुलाकर छात्रों के निलंबन पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं, शुक्रवार को भी सीबीआई की टीम चारों छात्रों के सील किए गए कमरों की तलाशी लेने नहीं आई।
हालांकि, सुबह एम्स प्रशासन को जानकारी दी गई थी कि टीम जांच करने आ रही है। इसे देखते हुए मुख्य वार्डेन समेत कई अधिकारियों-कर्मचारियों को छात्रावास में तैनात किया गया था।
चारों से पूछताछ में मिले सीबीआई को पुख्ता साक्ष्य
निदेशक ने बताया कि बुधवार की दोपहर सीबीआई टीम एम्स पटना परिसर से एमबीबीएस के छात्र चंदन कुमार और शाम को राहुल आनंद व करण जैन को पूछताछ के लिए साथ ले गई थी।सीबीआई ने जिन चार छात्रों के नाम व फोटो नीट यूजी पेपर लीक मामले में पूछताछ के लिए दिए थे, उनमें से कुमार शानू वार्डन के अनुरोध पर स्वेच्छा से सीबीआई कार्यालय गए थे।
चारो से पूछताछ में पर्याप्त सबूत मिलने के बाद सीबीआई ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, इसके लिखित दस्तावेज अबतक एम्स पटना प्रशासन को नहीं उपलब्ध कराए गए हैं।
भविष्य के लिए मेंटर-मेंटी कार्यक्रम का प्रस्ताव
निदेशक ने सभी विद्यार्थियों को ऐसी गतिविधियों से परहेज करने की सख्त सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में संलिप्तता से न केवल उनकी बल्कि संस्थान की प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है।
उन्होंने कहा कि एम्स पटना भविष्य में इस तरह के किसी भी क्रियाकलाप को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को सही रास्ते पर चलने के लिए उचित मार्गदर्शन देने के लिए मेंटर-मेंटी कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा, जिससे भविष्य में होने वाली ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।इसे सभी ने सराहा और शुरू करने को अपना समर्थन दिया। डीन एकेडमिक प्रो. डा. प्रेम कुमार ने ऐसी घटना पर अविश्वास व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एम्स पटना की प्रतिष्ठा बढ़ाने के साथ पढ़ाई के लिए सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करने का प्रयास करेंगे। डीडीए नीलोत्पल बल ने विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की चिंता होने पर उनके पास आने के लिए प्रोत्साहित किया।
समापन करते हुए निदेशक ने कहा कि वे एम्स पटना के सभी सदस्यों की भलाई के लिए 24 घंटे समर्पित हैं। उन्होंने छात्रों से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने व एम्स पटना को विश्व स्तर पर प्रमुख संस्थान बनाने में योगदान देने का आग्रह किया।बैठक को चिकित्साधीक्षक डा. अनूप कुमार, डा. त्रिभुवन कुमार, डा. पूनम प्रसाद भदानी, डा. रूचि सिन्हा, डा. संजीव कुमार, डा. निशांत सहाय, निदेशक के ओएसडी डा. अनिल कुमार, डा. अमित, डा. पाटिल, डा. असीम सरफराज व डा. स्वेतलिना प्रधान ने पूरे घटनाक्रम पर दुख प्रकट करते हुए भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति से बचने की सलाह दी।
आम बंंदियों से रखा गया दूर
सीबीआई ने एम्स पटना से जिन चार एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया था, उन्हें गुरुवार शाम बेउर जेल स्थानांतरित कर दिया गया है। जेल प्रशासन के नियमानुसार पहले चारों को आमद वार्ड में रखा गया। शुक्रवार को सभी को प्रशासनिक वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।प्रशासनिक वार्ड खास लोगों के लिए है। इन सब को आम बंदियों से दूर रखा गया है। यहां पहले से नीट यूजी प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपित रखे गए हैं। एक सप्ताह तक बंदी स्वजन से नहीं मिल सकेंगे।
बताते चलें कि सीबीआई ने गुरुवार को चारों छात्रों को विशेष कोर्ट में पेश किया और जज के आदेश पर न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया। जेलाधीक्षक बिदु कुमार ने बताया कि जेल मैन्युअल के अनुसार इन बंदियों के साथ व्यवहार किया जा रहा है।एक सप्ताह तक इनकी मुलाकात किसी से नहीं कराई जाएगी। इन्हें आम कैदियों से अलग रखा गया है। इन पर विशेष नजर रखते हुए जेल मैन्युअल के अनुसार तय सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
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