NEET Exam Paper Leak: नीट परीक्षा धांधली में 'बंगला' खोलेगा राज, समस्तीपुर के सिकंदर पर कसा शिकंजा; जांच हुई तेज
Bihar News नीट पेपर लीक मामले में आए दिन रोज कोई न कोई खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में एक बंगला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि परीक्षार्थियों के लिए इसी बंगले में कमरे बुक करवाया गया था। इसके लिए किसी वीआइपी नेता के करीबी से पैरवी किए जाने की भी बात सामने आ रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Neet Exam Paper Leak: नीट-यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार परीक्षार्थियों को राजधानी के सरकारी निरीक्षण बंगले में ठहराए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। राजनीतिक बयानबाजी के अलावा पुलिस ने भी इस मामले की जांच तेज कर दी है।
सिकंदर कुमार यादवेंदु पर संदेह
पुलिस की अब तक की जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि परीक्षा से एक दिन चार मई को निलंबित जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु ने तीन-चार परीक्षार्थियों के लिए कमरा बुक कराया था। इसके लिए किसी वीआइपी नेता के करीबी से पैरवी किए जाने की भी बात सामने आ रही है।
फिर से सिकंदर को रिमांड पर ले सकती है पुलिस
पुलिस इस मामले को लेकर सिकंदर को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।
कौन है सिकंदर, कुंडली आई सामने
Bihar News: नीट-यूजी पेपर लीक (NEET Paper Leak Case) मामले में गिरफ्तार आरोपित जल संसाधन विभाग से निलंबित जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु बिथान थाना क्षेत्र के पुसहो गांव के रहने वाले हैं।
साल्वर गैंग से जुड़े सिकंदर ने उत्तर रटकर परीक्षा देने वाले चार गिरफ्तार परीक्षार्थियों को पटना के एक सरकारी निरीक्षण भवन में ठहराया था।
मामले की जांच कर रही ईओयू ने जिले पुलिस से उनके आपराधिक इतिहास की मांग की थी। इसकी सूचना बुधवार को जिले से भेज दी गई। यहां उनके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
2016 में रोहतास (Rohtas News) में जेई रहते हुए सिकंदर नगर परिषद के अतिरिक्त प्रभार में एलईडी घोटाले (LED Scam) के मुख्य आरोपी रहे हैं। उन पर 2.92 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा था। इस मामले में जेल भी जा चुके हैं।
सिकंदर इंटर-डिप्लोमा करने के बाद करने लगा था ठेकेदारी
आरोप है कि हसनपुर के परिदह गांव निवासी अपने साले के पुत्र अनुराग यादव को इस वर्ष नीट की परीक्षा का प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया था। उसे परीक्षा में महज 185 अंक मिले।
ईओयू की टीम (EOU Team) फिलहाल पूरे मामले की छानबीन में जुटी है। बेटी ने नीट पास कर किया है एमबीबीएस जिले में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिकंदर रांची चले गए। इंटर व डिप्लोमा वहीं किया।
इसके बाद ठेकेदारी करने लगे। वर्ष 2012 में बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा पास कर जेई के पद पर तैनात हुए। इसके बाद अलग-अलग विभागों में कार्यरत रहे। सिकंदर की ससुराल हसनपुर के परिदह गांव में है।
उसकी पुत्री ने पूर्व में नीट की परीक्षा में सफलता हासिल कर एमबीबीएस (MBBS) किया है। उसकी शादी भी हो चुकी है। दो भाई, कम ही आते हैं गांव सिकंदर दो भाई हैं। भिखरंजन यादव उनसे बड़े हैं।
परिवार संयुक्त है। वे घर पर ही रहकर खेती करते हैं। चार-पांच बीघे जमीन है। घर भी ईंट-खपड़ा का है। गांव के शिक्षक सियाराम यादव कहते हैं कि हमलोग तो इस सूचना मात्र से हैरान हैं।
पढ़ने में था मेधावी सिकंदर
सिकंदर बचपन से ही मेधावी थे। बड़े भाई भिखरंजन यादव कहते हैं कि यदि उसके पास इतना पैसा होता तो हमलोग इसी खपड़े के मकान में तो रहते ही नहीं। जमीन भी इतनी कम नहीं रहती।
सिकंदर गांव से कम मतलब रखते हैं। यहां उनके हिस्से में सात-आठ बीघा जमीन है। वह पिछले वर्ष अंतिम बार परिवार में होने वाले एक मांगलिक कार्यक्रम में गांव आए थे।
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