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NEET-UG Paper Leak: नोटिस के बावजूद EOU ऑफिस नहीं पहुंचे नीट परीक्षार्थी, JE सिकंदर पर हो गया बड़ा एक्शन

नीट-यूजी पेपर लीक मामले में नोटिस के बावजूद एक भी परीक्षार्थी मंगलवार को ईओयू कार्यालय नहीं पहुंचे। ईओयू ने सॉल्वर गिरोह के पास मिले रोलकोड के आधार पर नौ परीक्षार्थियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। ईओयू ने परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावकों को भी पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन देर शाम तक कोई भी नहीं पहुंचा।

By Rajat Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 19 Jun 2024 02:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2024 02:12 PM (IST)
नोटिस के बावजूद EOU ऑफिस नहीं पहुंचे नीट परीक्षार्थी।

राज्य ब्यूरो, पटना। नीट-यूजी पेपर लीक (NEET-UG Paper Leakमामले में नोटिस के बावजूद एक भी परीक्षार्थी मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के कार्यालय नहीं पहुंचा।

ईओयू ने सॉल्वर गिरोह के पास मिले रोलकोड के आधार पर नौ परीक्षार्थियों को नोटिस जारी कर मंगलवार और बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावकों को भी बुलाया गया था, मगर देर शाम तक कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा।

दूसरी तरफ, पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपित जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को जल संसाधन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सिकंदर के कार्यकलापों की जांच का आदेश भी दिया गया है। सिकंदर नीट पेपर लीक कांड की मुख्य कड़ी है।

पुलिस ने पांच मई को सबसे पहले उसे ही राजवंशीनगर इलाके से नीट परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड के साथ रेनाल्ड डस्टर कार से गिरफ्तार किया था। वह जल संसाधन विभाग में बहाल हुआ था मगर कुछ सालों से नगर विकास एवं आवास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर था।

इस दौरान उसकी ड्यूटी दानापुर नगर परिषद कार्यालय में लगी थी। यही उसकी मुलाकात नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार साल्वर गिरोह के सदस्य अमित आनंद और नीतीश कुमार से हुई थी।

इतना ही नहीं, जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि साल्वर गैंग से जुड़े जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने उत्तर रटकर परीक्षा देने वाले चार गिरफ्तार परीक्षार्थियों को राजधानी पटना के एक सरकारी निरीक्षण भवन में ठहराया था।

32 लाख रुपये प्रति छात्र हुई थी सेटिंग

सिकंदर ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि गिरफ्तार आरोपित अमित आनंद और नीतीश कुमार ने उससे यह दावा किया था कि वह किसी भी परीक्षा का पत्र आउट कराकर सेटिंग कराते हैं।

इसके लिए 32 लाख रुपये प्रति छात्र सेटिंग हुई। किंतु, सिकंदर ने छात्रों से 40 लाख रुपये में सौदा किया, ताकि वह प्रति छात्र आठ लाख रुपये बचा सके।

जिन चार छात्रों की सेटिंग की गई, उनमें दानापुर (पटना) का आयुष, समस्तीपुर का अनुराग यादव, रांची (झारखंड) का अभिषेक कुमार और गया का शिवनंदन कुमार शामिल था। फिलहाल यादवेंदु समेत चारों आरोपित छात्र जेल में हैं।

प्रश्न-पत्र की प्रति हासिल करने का प्रयास

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ईओयू की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हो गई। इनमें डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी शामिल हैं। वे वहां नीट-यूजी के मूल प्रश्नपत्र की प्रति हासिल करने का प्रयास करेंगे। हालांकि, ईओयू के अधिकारी इस बाबत जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।

दरअसल, पेपर लीक मामले में कार्रवाई के दौरान पुलिस को पटना में प्रश्न-पत्र के जले हुए अवशेष मिले थे, जिसे सॉल्वर गैंग ने पुलिस से बचने के लिए जला दिया था।

नीट परीक्षार्थियों ने स्वीकारी प्रश्नपत्र रटवाने की बात

पूछताछ में गिरफ्तार किए गए नीट के परीक्षार्थियों ने भी यह बात स्वीकारी है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र रटवाए गए प्रश्नों से मेल खा रहे थे। ऐसे में इसकी पुष्टि के लिए मूल प्रश्नपत्र से मिलान जरूरी है। ईओयू की टीम के तीन रिमाइंडर के बाद भी एनटीए ने नीट प्रश्नपत्र की प्रति नहीं भेजी है।

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