बिहार और उत्तर प्रदेश से नदी के रास्ते कर सकेंगे नेपाल का सफर, 25 बंदरगाह बनाने की तैयारी शुरू
जलमार्ग को विकसित करने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। जहाजों की तरह नदियों में अब नावों के सुरक्षित परिचालन व ठहराव के लिए बिहार में 25 जगहों पर बंदरगाह का निर्माण होगा। सुविधाओं का विकास होने पर नदियों के रास्ते व्यापार और यातायात को बढ़ावा मिलेगा।
By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Fri, 01 Oct 2021 08:40 AM (IST)
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। Water Way in Bihar: बिहार की नदियां अब सुगम परिवहन और व्यापार का जरिया बनेंगी। इसके लिए राज्य में जलमार्ग को विकसित करने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। जहाजों की तरह नदियों में अब नावों के सुरक्षित परिचालन व ठहराव के लिए बिहार में 25 जगहों पर बंदरगाह का निर्माण होगा। सुविधाओं का विकास होने पर नदियों के रास्ते व्यापार और यातायात को बढ़ावा मिलेगा। योजना के शुरुआती चरण में पटना के दीघा, नासरीगंज, कच्ची दरगाह, बख्तियारपुर समेत अन्य जगहों पर स्थान चिह्नित कर लिया गया है। इन बंदरगाहों से छोटे-बड़ी नावें सब्जी, दूध, पशु चारा व अन्य सामग्री की ढुलाई कर सकेंगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा क्षेत्र का विकास होगा।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को अमल में लाने की कवायद शुरूकेंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अमली जामा पहनाने के उद्देश्य से राज्य परिवहन विभाग, वित्त विभाग व अन्य संबंधित विभाग के पदाधिकारियों की शुक्रवार को गायघाट स्थित राष्ट्रीय अंतरदेशीय नौवहन संस्थान में अहम बैठक होगी। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष जयंत सिंह पटना पहुंचे हैं। प्राधिकरण के निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि सोनपुर स्थित कालू घाट पर बनने वाले इंटर मोडल टर्मिनल को लेकर भी बैठक में बातचीत होगी। इस टर्मिनल से बिहार, उत्तर प्रदेश से लेकर नेपाल तक का जलमार्ग जुड़ेगा। इस टर्मिनल पर यात्री एवं मालवाहक जहाजों का ठहराव होगा।
- नावों के सुगम परिचालन के लिए राज्य में बनेंगे 25 बंदरगाह
- अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष की आज अफसरों संग बैठक
- सोनपुर में कालू घाट पर बनेगा इंटर मोडल टर्मिनल, नेपाल से जुड़ेगा
बिहार से गुजरता है राष्ट्रीय जलमार्ग- एकआपको बता दें कि वाराणसी से बक्सर, पटना, भागलपुर के रास्ते कोलकाता तक गंगा नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग-एक के तौर पर चिह्नित किया गया है। इस जलमार्ग को भी विकसित करने की कवायद लंबे अरसे से चल रही है। हालांकि कई तरह की दिक्कतों के कारण इसकी गति बेहद सुस्त है।
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