New Criminal Laws : 'यह तो अंग्रेजों के जमाने से...', नए कानून के खिलाफ उतरा माले; कर दी बड़ी मांग
New Criminal Laws एक जुलाई से पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून प्रभावी ढ़ंग से लागू हो गया। कानून की सुसंगत धाराओं में केस भी दर्ज किया गया है। हालांकि नए कानून लागू होने के बाद सियासत गरमाई गई है। भाकपा माले ने नए कानून को गलत बताया और पटना में विरोध मार्च निकाला है। साथ ही सदन में इस नए कानून को पेश करने की मांग की।
राज्य ब्यूरो, पटना। भाकपा माले की ओर से सोमवार को केंद्र सरकार के तीन नए आपराधिक कानून के खिलाफ राज्य के जिला मुख्यालयों में प्रतिरोध मार्च निकाला गया। राजधानी पटना में जीपीओ गोलबंर से बुद्ध स्मृति पार्क तक मार्च निकाला गया और फिर प्रतिरोध सभा का आयोजन हुआ।
इस मौके पर माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने से भी ज्यादा खतरनाक नए आपराधिक कानून हैं। हमारी पार्टी की मांग है कि केंद्र सरकार नए कानून को संसद में फिर से पेश करे ताकि इनकी सही जांच-परख हो सके।
कार्यक्रम को इन लोगों ने किया संबोधित
कार्यक्रम को ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, विधान पार्षद शशि यादव, मंजू शर्मा, गालिब, शंभूनाथ मेहता, कमलेश शर्मा, रामबलि प्रसाद, जितेन्द्र कुमार, मुर्तजा अली, राजेन्द्र पटेल, डा. प्रकाश, अनिल अंशुमन और सबीर कुमार समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
पटना महानगर कमेटी के सचिव अभ्युदय ने संचालन किया। कुणाल ने कहा कि नए आपराधिक कानून भारत को एक पुलिस राज्य में बदल देंगे। इसे हम एक संस्थागत स्थायी आपातकाल कह सकते हैं, जहां पुलिस के पास मनमानी शक्तियां होंगी और असहमत नागरिकों पर जेल जाने का स्थायी खतरा होगा। इन पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।
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