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नए आई-ओपीडी का शुभारंभ, आइजीआइएमएस में बनेगा लेसिक सर्जरी विभाग

इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के नवनिíमत आंख विभाग के ओपीडी सह प्रतीक्षालय का शनिवार को उद्घाटन किया गया।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 17 May 2020 06:09 AM (IST)
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नए आई-ओपीडी का शुभारंभ, आइजीआइएमएस में बनेगा लेसिक सर्जरी विभाग

पटना । इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के नवनिíमत आंख विभाग के ओपीडी सह प्रतीक्षालय एवं पेपरलेस ओपीडी का शुभारंभ उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को ऑनलाइन किया। यह उप मुख्यमंत्री की विधान पार्षद निधि से तैयार किया गया है। उनके प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विधायक डॉ. संजीव चौरसिया संस्थान में उपस्थित रहे।

इस दौरान उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संस्थान की ओर से बेहतर परियोजना तैयार करने के लिए वह अपनी विधान पार्षद निधि को देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। संस्थान बेहतर जन उपयोगी प्रोजेक्ट लाएं वह इसके लिए मदद करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए आइजीआइएमएस लगातार सुविधाएं बढ़ा रहा है। लोगों की आंख से चश्मा हटाने के लिए अब आंख विभाग में लेसिक सर्जरी विभाग की स्थापना की कवायद की जा रही है। इससे लोगों को काफी लाभ मिलेगा।

निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने कहा कि आई (आंख) बैंक से अब तक 500 से ज्यादा नेत्र प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं। यह पहला संस्थान है जहां हजारों विटरेओ-रेटिना सर्जरी की गई है। डीन डॉ. एसके शाही ने कहा कि आंख विभाग में नवजात शिशु के आरओपी की बीमारी के लिए लेजर व सर्जरी की सुविधा है। ग्लूकोमा से संबंधित सभी जटिल इलाज एवं लेजर सर्जरी की भी व्यवस्था है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि विभाग में आंखों से संबंधित सभी प्रकार के कैंसर सर्जरी की सुविधा है। मोतियाबिद के मरीजों की पैकेज सिस्टम के तहत उपचार की सुविधा है। क्षेत्रीय चक्षु संस्थान प्रमुख डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा कि विभाग रिसर्च में सबसे आगे है। सीडीआरआइ के फेज तीन व फेज चार का ट्रायल यहां किया जा रहा है। भविष्य में फेज टू के ट्रायल के लिए रिसर्च लैब की स्थापना की जा रही है। विभाग में हर वर्ष 80 हजार मरीजों को देखा जा रहा है। हर साल 40 फीसद मरीज बढ़ रहे हैं। नया भवन तैयार होने से मरीजों को बैठने में सहूलियत होगी।

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