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Bihar Teacher Salary: शिक्षकों को इस शर्त पर मिलेगा अक्टूबर और नवंबर का वेतन, नई व्यवस्था लागू

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा शिक्षा विभाग के पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। जिनका डेटा अभी तक अपलोड नहीं हुआ है उन्हें एक सप्ताह के भीतर ऐसा करना होगा अन्यथा उनका वेतन भुगतान रोक दिया जाएगा।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Sat, 09 Nov 2024 02:11 PM (IST)
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विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वेतन भुगतान की नई व्यवस्था लागू
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग के द्वारा विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान संबंधी नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत शिक्षा विभाग के पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डाटा अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।

जिन शिक्षकों तथा कर्मियों का डाटा अभी तक विश्वविद्यालयों द्वारा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है उनके डाटा को सप्ताह भर में पोर्टल पर अपलोड करना है, ताकि अक्टूबर-नवंबर का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। डाटा अपलोड नहीं रहने पर संबंधित शिक्षकों व कर्मियों का वेतन भुगतान की राशि जारी नहीं की जाएगी, यानी उन शिक्षकों का वेतन बंद हो जाएगा।

शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के 15 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया गया है कि पोर्टल पर शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा अपलोड करने के साथ ही उन शिक्षकों को वेतन सत्यापन भी आवश्यक है जिनका वेतन सत्यापन नहीं हुआ है। यह इसलिए आवश्यक है कि वित्तीय नियमों का अनुपालन करना जरूरी है। साथ ही जिन मदों में राशि उपलब्ध करायी गयी है उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र सप्ताह भर में उपलब्ध करा दें।

जनवरी से शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर प्रस्तावित बजट को अपलोड करना होगा। ऑनलाइन बजट पर ही विभाग स्वीकार करेगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय को नोडल पदाधिकारी की तैनाती करें जिन्हें ऑनलाइन बजट संबंधी प्रशिक्षण दिया जा सके।

नए सत्र से व्यावसायिक पाठ्यक्रम में भी च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम

नए शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके लिए राजभवन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को अभी से तैयारी करने का दिशा-निर्देश दिया गया है। इस सिस्टम से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने में एक वर्ष का कम समय लगेगा। बता दें कि राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर संकाय के सामान्य पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू है।

राजभवन सचिवालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से मई में ही राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया गया था। इसके बाद विशेषज्ञों की मदद से प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया था। प्रस्ताव पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सहमति दी थी और फिर कुलाधिपति कार्यालय को उस प्रस्ताव को भेजा गया था।

इस प्रस्ताव पर राजभवन में आयोजित कुलपतियों की बैठक में चर्चा हुई थी। तब यह आम सहमति बनी थी कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा। बता दें कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के आदेश से सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर संकाय में पिछले साल ही सामान्य पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू किया गया है।

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