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Bihar Politics: लालू यादव के नौ विधायक बनना चाहते हैं सांसद, लाइन में JDU और BJP के भी कई नेता

Bihar Political News in Hindi महात्वाकांक्षा का कोई अंत नहीं होता है। सियासत से अच्छा उदाहरण हो भी नहीं सकता है। लोकसभा का यह चुनाव भी इस सच्चाई को दोहरा रहा है। बिहार में राज्यसभा के दो सदस्यों और एक विधान पार्षद के साथ कई विधायक मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इन्हें लोकसभा में पहुंचने की ललक है जहां की आवाज पूरे देश में गूंजती है।

By Raman Shukla Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 03 Apr 2024 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2024 08:07 PM (IST)
लालू यादव के नौ विधायक बनना चाहते हैं सांसद। (फाइल फोटो)

रमण शुक्ला, पटना। महात्वाकांक्षा का कोई अंत नहीं। राजनीति से अच्छा उदाहरण हो भी नहीं सकता। लोकसभा का यह चुनाव भी इस सच्चाई को दोहरा रहा। राज्यसभा के दो सदस्यों एक विधान पार्षद के साथ कई विधायक मैदान में ताल ठोक रहे। इन्हें लोकसभा में पहुंचने की ललक है, जहां की आवाज पूरे देश में गूंजती है।

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महागठबंधन ने अपने सभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। ऐसे में यह कड़ी लंबी हो सकती है। विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर का कार्यकाल अभी दो वर्ष से अधिक है। फिर भी वे सीतामढ़ी के मैदान में जदयू के टिकट पर उतर चुके हैं।

नवादा से भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर का कार्यकाल राज्यसभा में 2026 तक के लिए है। उससे पहले वे अपना भविष्य सुरक्षित कर लेना चाह रहे।

पाटलिपुत्र से राजद की प्रत्याशी मीसा भारती की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। राज्यसभा में उनका कार्यकाल अभी 2028 तक है, लेकिन वे तीसरी बार पाटलिपुत्र के मैदान में दांव आजमा रहीं हैं। पिछला दो चुनाव भाजपा के रामकृपाल यादव से हार चुकी हैं।

12 विधायक चुनाव मैदान में

ऊपर के तीन के अलावा 18वीं लोकसभा के महासमर में अब तक 12 विधायक उतर चुके हैं। यह संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि कई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई, जहां दावेदारों में कई विधायक भी हैं।

राजद ने सर्वाधिक नौ विधायकों को मैदान में उतारा है। गया (सुरक्षित) से कुमार सर्वजीत, जहनाबाद से सुरेंद्र यादव, दरभंगा से ललित यादव, उजियारपुर से आलोक मेहता और बक्सर से सुधाकर सिंह को तो सिंबल भी मिल चुका है।

सिवान में अवध बिहारी चौधरी जुट गए हैं। वे विधानसभा के अध्यक्ष से पदच्युत किए जाने वाले पहले व्यक्ति हैं। चंद्रहास चौपाल शेखपुरा और बहुचर्चित प्रो. चंद्रेशखर मधेपुरा का मैदान मारने की जुगत भिड़ाने लगे हैं। इनके नामों की अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन दावेदारी प्रबल है।

वाम दल ने भी विधायकों पर जताया भरोसा

विधायकों पर भरोसा जताने में वाम दल भी पीछे नहीं। भाकपा माले ने नालंदा में संदीप सौरभ को उतारा है और आरा में सुदामा प्रसाद को। दोनों क्रमश: पालीगंज और तरारी के विधायक हैं।

स्थानीय विधायक अजीत शर्मा को कांग्रेस से भागलपुर के लिए सिंबल मिल चुका है और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया में अपनी हार की हैट्रिक रोकने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। गया का रण बड़ा ही रोचक है। वहां आमने-सामने का मुकाबला है और भिड़ने वाले दोनों विधायक।

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