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Nirbhaya Case: चारों दोषियों को 22 जनवरी को होगी फांसी, अक्षय की पत्‍नी को अभी भी रहम की उम्‍मीद

निर्भया मामले में दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है। इस बीच कांड के एक दोषी बिहार के अक्षय के बिहार स्थित घर का क्‍या हाल है जानिए।

By Amit AlokEdited By: Updated: Wed, 08 Jan 2020 11:27 PM (IST)
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Nirbhaya Case: चारों दोषियों को 22 जनवरी को होगी फांसी, अक्षय की पत्‍नी को अभी भी रहम की उम्‍मीद

पटना [जेएनएन]। दिल्‍ली के चर्चित निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म व हत्‍याकांड (Nirbhaya Case) के मामले के चार दोषियों (Convicts) की फांसी की सजा (Capital Punishment) को लेकर मंगलवार का दिन बेहद अहम रहा। दिल्‍ली का पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) चारों दाेषियों के लिए डेथ वारंट (Death Warrant) जारी करते हुए 22 जनवरी को उनकी फांसी का दिन मुकर्रर किया। इसके पहले निर्भया मामले में माता-पिता द्वारा कोर्ट में दायर डेथ वारंट याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई तथा कोर्ट में वीडियो काॅन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से चारो दोषियों ने अपनी बात रखी।

चारों दोषियों में से एक बिहार का अक्षय ठाकुर (Akshay Thakur) भी है। कोर्ट के फैसले के बाद से बिहार के औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना क्षेत्र अंतर्गत लहंगकर्मा गांव स्थित उसके घर में मातमी सन्नाटा पसरा है। अक्षय की माता-पिता व पत्‍नी फांसी के विरोध में हैं। उसकी पत्‍नी को अभी भी रहम की उम्‍मीद है। उधर, निर्भया के माता-पिता को फांसी का इंतजार है।

क्‍या है मामला, जानिए

विदित हो कि 16 दिसंबर 2012 की सर्द रात दिल्‍ली की सड़क पर चलती बस में 23 साल की एक पारामेडिकल स्टूडेंट निर्भया के साथ छह लोगों ने सामूहिक दुष्‍कर्म किया, फिर हैवानियत की हदें पार कीं और मरने के लिए सड़क पर फेंककर चलते बने। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। पुलिस ने मामले का उद्भेदन करते हुए सभी छह आरोपितों को गिरफ्तार किया, जिनमें मुख्य आरोपित राम सिंह ने ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। एक अन्य नाबालिग आरोपित तीन साल बाल सुधार गृह में रहने के बाद छूट गया। शेष चार पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को कोर्ट ने मौत की सजा दी है।

कोर्ट ने जारी किया डेथ वारंट

इस मामले में दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार की शाम डेथ वारंट जारी कर दिया। साथ ही फांसी का दिन 22 जनवरी मुकर्रर कर दिया। अगर इस फैसले को उपरी अदालत स्‍टे नहीं करती है तो चारो दोषियों को तिहाड़ जेल में 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दे दी जाएगी। दिल्‍ली हाईकोर्ट के वकील नलिन लोचन सहाय बताते हैं कि क्‍यूरेटिव पेटिशन (Curative Petition) दायर होने पर सुप्रीम कोर्ट डेथ वारंट पर स्‍टे लगा सकता है। बताया जाता है कि दोषी अक्षय ने क्‍यूरेटिव पेटिशन दायर करने की बात कही है।

निर्भया के माता-पिता को फांसी का इंतजार

निर्भया के माता-पिता ने कहा है कि उन्‍हें इंसाफ तब मिलेगा, जब दोषियों की फांसी की प्रक्रिया मुकम्‍मल हो जाएगी। इसका इंतजार वे सात साल से कर रहे हैं।

दोषी अक्षय के घर में पसरा मातमी सन्‍नाटा

निर्भया कांड में दोषी अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर की फांसी की सजा पर पुनर्विचार याचिका बीते 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका था। आज पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के औरंगाबाद जिला अंतर्गत टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकर्मा गांव स्थित उसके घर में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।

अक्षय के घरवाले बोले- सजा मिले पर फांसी नहीं

फफक-फफक कर रोतीं अक्षय की मां मालती देवी व पत्नी पुनीता देवी कहतीं हैं कि निर्भया को न्‍याय मिलना चाहिए, लेकिन इसके लिए किसी का घर तो नहीं उजाड़ें। उन्‍होंने कहा कि वे फांसी के फैसले से सहमत नहीं हैं।

पत्‍नी पुनीता मानती हैं कि अक्षय ने गलत काम किया, लेकिन यह सवाल भी करती हैं कि अगर यही काम किसी नेता या बड़े अधिकारी के स्‍वजन ने किया होता तो फांसी होती क्‍या? उन्‍हें अभी भी सिस्टम से रहम की उम्‍मीद है।

पत्‍नी ने कहा: सजा के और भी हैं विकल्‍प

पत्‍नी पुनीता देवी मानती हैं कि उसका पति गलत नहीं था, उसने संगत में पड़कर गलत कार्य किया। कहतीं हैं कि अगर पति को फांसी हो गई तो उनके सात वर्ष के बेटे के सिर से पिता का साया उठ जाएगा। फिर उन्‍हें व बेटे को कौन देखेगा? अक्षय की पत्‍नी ने कहा कि निर्भया को न्‍याय देने के लिए उनका घर उजाड़ना तो जरूरी नहीं। सजा के और विकल्‍प भी तो हैं। अक्षय के भाई विनय सिंह ने भी कहा कि अक्षय की फांसी की सजा के बाद से उसकी पत्नी व बच्चे की परवरिश की चिंता पूरे परिवार को सता रही है।

आगे-आगे देखिए होता है क्‍या

जाे भी हो, अभी दोषी पक्ष के पास अभी उपलब्‍ध क्यूरेटिव पिटीशन के कानूनी विकल्‍प को देखते हुए डेथ वारंट जारी होने पर भी फिलहाल फांसी की सजा पर अमल होता नहीं दिख रहा। अब आगे-आगे देखिए, होता है क्‍या।