नितिन गडकरी पहुंचे बिहार, नीतीश कुमार के साथ दी नेशनल हाइवे की 15 योजनाओं की बड़ी सौगात
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी महात्मा गांधी सेतु की पूर्वी लेन सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करने पटना पहुंचे हैं। पटना आते ही वे सबसे पहले नीतीश कुमार के आवास पर गए। इसके बाद दोनों नेता एक साथ महात्मा गांधी सेतु का उद्घाटन करने पहुंचे।
राज्य ब्यूरो, पटना। Mahatma Gandhi Setu Inauguration: गंगा नदी पर पटना और हाजीपुर के बीच बने महात्मा गांधी सेतु की पुनर्निर्मित दूसरी लेन का लोकार्पण केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक भव्य समारोह में किया। यह समारोह हाजीपुर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने नेशनल हाइवे की 13 परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। पटना पहुंचते ही वे सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे। मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात के बाद दोनों नेता साथ ही वह परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास के लिए हाजीपुर पहुंचे।
गांधी सेतु के पटना छोर पर संक्षिप्त कार्यक्रम, हाजीपुर में सभा
गांधी सेतु की जिस लेन का मंगलवार को लोकार्पण हुआ, उसके पटना छोर पर उद्घाटन का संक्षिप्त कार्यक्रम संपन्न हुआ। फीता काटकर मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों का काफिला समारोह में पहुंचा। मुख्य समारोह का आयोजन वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर में हुआ।
इन केंद्रीय मंत्रियों की रहेगी मौजूदगी
लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी कुमार चौबे, आरके सिंह, पशुपति कुमार पारस, नित्यानंद राय व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी मौजूद रहे।
गांधी सेतु की दोनों लेन शुरू हो जाने से काफी सुविधा हो जाएगी : उमेश
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि गांधी सेतु की दोनों लेन के आरंभ हो जाने से उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार की संपर्कता और सहज हो जाएगी। वर्तमान में इस पुल से एक मिनट में औसतन 52 हजार वाहन गुजरते हैैं। इस तरह से 24 घंटे में 75000 वाहन गांधी सेतु से गुजर रहे। इनमें 60 फीसदी से अधिक बड़े वाहन शामिल हैैं। एक लेन पर ट्रैफिक की वजह से हमेशा जाम की स्थिति रहती थी। मात्र छह किमी की दूरी तय करने में घंटों का समय लगता था। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि बिहार को पुल के नए स्वरूप की सौगात मिल रही। पुल निर्माण की गति की वह स्वयं निरंतर मानीटरिंग करते रहे हैं।