Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bihar News: बिहार में गिरते पुलों को लेकर एक्शन में नीतीश सरकार, कई निर्माणाधीन ब्रिजों के डिजाइन की होगी जांच

बिहार में पुलों के धड़ाम होने का सिससिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शनिवार को भागलपुर के सुल्तानगंज में एक और पुल भरभराकर गिर गया। इस बीच नीतीश सरकार के पथ निर्माण विभाग ने तय किया है कि राज्य के निर्माणाधीन पांच मेगा ब्रिजों के डिजाइन की जांच की जाएगी। इनमें उन पुलों को शामिल किया गया है कि जो ईपीसी मोड में बन रहे हैं।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 19 Aug 2024 01:57 PM (IST)
Hero Image
निर्माणाधीन ब्रिजों के डिजाइन की होगी जांच

राज्य ब्यूरो, पटना। पुलों की डिजाइन को लेकर पथ निर्माण विभाग ने अब तय किया है कि निर्माणाधीन पांच मेगा ब्रिज के डिजाइन की जांच होगी। इनमें उन पुलों को शामिल किया गया है कि जो इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्ट (ईपीसी) मोड में बन रहे हैं।

इस व्यवस्था के तहत पुल के निर्माण की सभी जिम्मेवारी निर्माण कंपनी की रहती है। जिन पुलों के डिजाइन की जांच की जानी है उनमें पटना के अशोक राजपथ में बन रहा डबल डेकर पुल भी शामिल है।

इन पुलों के डिजाइन की जांच की तैयारी

पटना के अशोक राजपथ में कारगिल चौक से इंजीनियरिंग कॉलेज मोड़ तक बन रहे डबल डेकर फ्लाईओवर भी डिजाइन की जांच होने वाले पुलों की सूची में शामिल है। इस पुल का निर्माण ईपीसी मोड में कराया जा रहा।

वहीं, एक पुल पटना के करौटा से नालंदा के सिलाव के बीच बन रही नयी सड़क के एलायनमेंट में शामिल है। यह पुल भी ईपीसी मोड में बन रहा। एक पुल सहरसा में कोसी नदी पर बन रहा।

एक अन्य पुल पूर्णिया में महानंदा नदी पर बन रहा। इन सभी का निर्माण ईपीसी मोड में कराया जा रहा। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में इन्हें बनाया जा रहा।

इस वजह से डिजाइन की जांच का लिया गया फैसला

भागलपुर के सुल्तानगंज में निर्माणाधीन अगवानी घाट पुल के सुपर स्ट्रक्चर जब दूसरी बार ध्वस्त हुआ, तो पथ निर्माण विभाग द्वारा करायी गयी।

जांच में यह बात सामने आयी कि पुल के डिजाइन में ही गड़बड़ी है। इसके बाद तय हुआ पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगी।

इस बीच उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह निर्देश दिया कि ईपीसी मोड में जो भी पुल बन रहे उनके डिजाइन की जांच करायी जाएगी। पथ निर्माण मंत्री का यह आकलन है कि निर्माण कंपनी अपने लाभ के हिसाब से डिजाइन करा लेती है।

अथॉरिटी इंजीनियर द्वारा उपलब्ध कराया जाता है डिजाइन

ईपीसी मोड में बन रहे पुलाें को लेकर यह व्यवस्था है कि निर्माण कंपनी के स्तर पर विभाग की सहमति से एक आथिरिटी इंजीनियर तय किया जाता है। अथॉरिटी इंजीनियर द्वारा ही पुल के एक-एक सेगमेंट का डिजाइन तय किया जाता है।

कई स्तर पर इसे देखा जाता है। पूरी जवाबदेही अथॉरिटी इंजीनियर की होती है। निर्माण कंपनी और आथिरिटी इंजीनियर डिजाइन को लेकर लगातार संपर्क में रहते हैं।

यह भी पढ़ें: Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक और पुल का स्ट्रक्चर हुआ ध्वस्त, सुल्तानगंज में पिलर संख्या 9 गंगा में समाया

Flood In Bihar: कोसी और बागमती की बाढ़ से खगड़िया में तबाही; एक बच्चे की मौत, गांव-स्कूल में पानी घुसने से दहशत

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर