नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, पंचायती राज अधिकारियों के वेतन पर लगाई रोक; ACS ने दिया ये आदेश
नियम के अनुसार खर्च नहीं हुई (अव्यहृत) राशि सरकार के खाते में जमा कराई जाती है। बैठक में लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं डीसी विपत्रों की समीक्षा की गई। जिलों को कहा गया कि वे महालेखाकार कार्यालय में जल्द से जल्द उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करा दें। अगर नई प्रक्रिया में कोई परेशानी हो रही है तो पुरानी प्रक्रिया में ही उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करावें।
राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश सरकार के पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायतों की विभिन्न योजनाओं की बची हुई राशि संबंधित बैंक खाते में जमा न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ा कदम उठाया है। फिलहाल, इस मामले में विफल रहने वाले जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड पंचायत राज पदाधकारी एवं पंचायत सचिवों के मई महीने का वेतन रोक दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने विभागीय समीक्षा बैठक में यह आदेश दिया। वे इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में चेतावनी दी गई है कि वेतन भुगतान पर रोक तबतक लगी रहेगी, जबतक बची हुई राशि बैंक खाते में जमा न हो जाए।
पहले दी गई थी चेतावनी
विभाग की ओर से पहले भी इन अधिकारियों को चेतावनी दी गई थी। असर नहीं पड़ने पर यह कठोर कदम उठाया गया है। यह राशि 12 वें, 13 वें एवं 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर त्रिस्तरीय पंचायतों को दी गई थी। वित्त आयोग के अलावा बीआरजीएफ, (पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि), तृतीय एवं चतुर्थ राज्य वित्त आयोग एवं मुख्यमंत्री ग्रामोदय योजना के तहत दी गई हैं।नियम के अनुसार, खर्च नहीं हुई (अव्यहृत) राशि सरकार के खाते में जमा कराई जाती है। बैठक में लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं डीसी विपत्रों की समीक्षा की गई। जिलों को कहा गया कि वे महालेखाकार कार्यालय में जल्द से जल्द उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करा दें। अगर नई प्रक्रिया में कोई परेशानी हो रही है तो पुरानी प्रक्रिया में ही उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करावें।
जिला पंचायत राज पदाधिकारियों एवं अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों को कहा गया कि वे बचे हुए पंचायतों का ऑनलाइन ऑडिट करा लें।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के बारे में बताया गया कि जिलों में पिछले कई महीनों से जिलाधिकारी के साथ इस योजना की समीक्षा नहीं की गई। कहा गया कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही जिलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक करें और प्रतिवेदन भेजें।
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