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Karpoori Thakur Bharat Ratna: कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न, नीतीश कुमार ने किया प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद

मुख्यमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार द्वारा भारत रत्न दिए जाने के निर्णय पर कहा कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं। वर्ष 2007 से 2023 तक वह हर साल केंद्र की सरकार से इस बारे में अनुरोध करते रहे हैं। अब लोगों को यह पता चल गया है कि जब वह जननायक कर्पूरी ठाकुर की इज्जत करेंगे तो उन्हें भी कुछ मिल सकता है।

By Yogesh Sahu Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 24 Jan 2024 01:36 PM (IST)
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कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न, नीतीश कुमार ने किया प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद

राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी स्थित वेटेनरी कॉलेज मैदान में जदयू द्वारा आयोजित कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह नयी मांग रखी कि बिहार में जिस तरह से पिछड़ों व अतिपिछड़ों के लिए अलग-अलग आरक्षण की व्यवस्था है वह पूरे देश में हो जाना चाहिए। केवल पिछड़े ही नहीं बल्कि अति पिछड़े वर्ग के लोग ज्यादा गरीब हैं। मुख्यमंत्री के रूप में कर्पूरी ठाकुर ने देश में पहली बार बिहार में पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के लिए अलग-अलग आरक्षण की व्यवस्था की। तब उन्होंने पिछड़ा वर्ग को आठ तथा अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया था।

मुख्यमंत्री ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार द्वारा भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिए जाने के निर्णय पर कहा कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं। वर्ष 2007 से 2023 तक वह हर साल केंद्र की सरकार से इस बारे में अनुरोध करते रहे हैं। अब लोगों को यह पता चल गया है कि जब वह जननायक कर्पूरी ठाकुर की इज्जत करेंगे तो उन्हें भी कुछ मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र यह कह दे कि कर्पूरी ठाकुर के लिए उनलोगों ने ही किया। हम यह कह रहे कि वे कह दें कि उन्होंने सब किया है। हमारी और भी मांग को केंद्र मान ले। मुख्यमंत्री ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के काम को हमेशा याद रखना है। कर्पूरी ठाकुर ने शराबबंदी भी लागू किया था जिसे बाद में खत्म कर दिया गया। यह अच्छी बात नहीं थी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया था। उनकी जो इच्छा थी उस पर हमलोग काम कर रहे हैं।

नीतीश कुमार ने कहा, विगत 18 वर्षों से बिहार में हमलोग जो काम कर रहे वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भीम राव अंबेडकर, राममनोहर लोहिया, जेपी व कर्पूरी ठाकुर की सोच से प्रेरित है। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, हर इलाके के विकास, हर घर बिजली, हर घर नल का जल, पक्की नली-गली, शौचालय व सात निश्चय के तहत चल रही योजनाओं की भी चर्चा की। जल-जीवन-हरियाली के बारे में भी लोगों को बताया।

उन्होंने कहा कि सभी तरह का काम व पूरे तौर पर करवा रहे हैं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी काम हो रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यह चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो पर केंद्र सरकार सहमत नहीं हुई। बिहार में उनकी सरकार ने जाति आधारित गणना करायी। इस प्रक्रिया में एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति का भी जायजा लिया गया।

सीएम ने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार जो संख्या मिली उसरे हिसाब से अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों का आरक्षण 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 तथा पिछड़ा वर्ग के लोगों का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया गया। इस सर्वे में 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान हुई जिन्हें सरकार अपना काम शुरू किए जाने को ले दो-दो लाख रुपए देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा जननायक को याद करते रहेंगे। उन्होंने लोगों यह अपील किया कि उनके विचारों को याद करते रहिएगा।

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