गिट्टी कारोबारियों के लिए आ गया नीतीश सरकार का नया फरमान, अब इस बात का देना होगा हिसाब; पढ़ लें ताजा निर्देश
बिहार में गिट्टी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है। इसमें अन्य राज्यों से गिट्टी मंगाने के लिए कारोबारी को जिले के खनिज विकास पदाधिकारी को पूर्व सूचना देनी होगी। इसके बाद ही गिट्टी आयात की जा सकेगी और चालान जारी किया जाएगा। इससे अवैध कारोबार पर नियंत्रण और राजस्व में वृद्धि होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के बाद अब गिट्टी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग पुरानी व्यवस्था में कई बदलाव कर रहा है।
खान एवं भू-तत्व विभाग ने निर्णय लिया है कि अन्य राज्यों से गिट्टी मंगाने के पूर्व कारोबारी को इसकी पूर्व सूचना जिले के खनिज विकास पदाधिकारी को देनी होगी। इसके बाद भी अन्य राज्य से गिट्टी आयात की जाएगी और इसी के आधार पर जिले में इसे गंतव्य तक पहुंचाने के लिए चालान जारी किया जाएगा।
अभी केवल गया और शेखपुरा से हो रहा गिट्टी का खनन
प्रदेश में निर्माण कार्यो में प्रयुक्त होने वाले लघु खनिजों में शामिल गिट्टी की करीब 90 प्रतिशत आपूर्ति अन्य राज्य करते हैं। इसमें सर्वाधिक आपूर्ति झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल से होती है। जबकि राज्य में गिट्टी खनन केवल दो जिलों में ही हो रहा है। ये जिले हैं गया और शेखपुरा।इन दोनों जिलों में खान एवं भूतत्व विभाग ने 104.5 एकड़ में खनन योजना की मंजूरी आठ अलग-अलग बंदोबस्तधारियों के बीच की है। विभाग के अनुसार इसमें से पांच की मंजूरी 2020 में पांच वर्षो के लिए दी गई थी। जिसकी मियाद 2025 में खत्म हो जाएगी। तीन की मंजूरी 2021 में दी गई जिसकी मियाद 2026 में समाप्त होगी।
जानकारी के अनुसार, 2017 के बाद गिट्टी खनन योजना को मंजूरी नहीं दी जा सकी है। कुल् आठ गिट्टी खनन फील्ड से राज्य सरकार को 2022-23 में 73.48 करोड़ और 2023-24 में 71.48 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था।
अब सरकार ने इस राजस्व में वृद्धि के उपायों के साथ गिट्टी के अवैध खनन को नियंत्रित करने की दिशा में कवायद शुरू की है।
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