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Nitish Kumar: 'नीतीश कुमार के विपक्ष के साथ अच्छे संबंध', बिहार के राज्यपाल का बड़ा बयान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बड़ा बयान दिया है। राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में कहा कि नीतीश कुमार अजातशत्रु हैं और विपक्ष के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं। गवर्नर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार वास्तव में विकास पुरुष हैं। बिहार का सौभाग्य है कि वह लंबे समय से इस राज्य के मुख्यमंत्री हैं। अन्य प्रदेश के नेताओं को भी उनसे सीख लेनी चाहिए।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 19 Aug 2024 03:15 PM (IST)
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बिहार CM नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अजातशत्रु हैं। विपक्ष के साथ भी उनके अच्छे संबंध है। अपने विरोधियों के लिए उन्होंने कभी भी कोई गलत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, चाहे वे जिस दल के साथ भी सरकार चला रहे हों।

राज्यपाल ने कहा कि नीतीश कुमार वास्तव में विकास पुरुष हैं। बिहार का सौभाग्य है कि वह लंबे समय से इस राज्य के मुख्यमंत्री हैं। अन्य प्रदेश के नेताओं को भी उनसे सीख लेनी चाहिए।

रविवार को राज्यपाल ने बिहार विधानसभा के सभागार में 'बिहार के गांधी : नीतीश कुमार' नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में यह बात कही।

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री एवं पुस्तक के लेखक अशोक चौधरी तथा सांसद शांभवी चौधरी, सांसद अरुण गोविल, पार्श्व गायक उदित नारायण, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी शाही एवं प्रकाशक पीयूष कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।

शुचिता की राजनीति करें नेता प्रतिपक्ष : विजय सिन्हा

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशित जिस विज्ञापन पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने टिप्पणी की है, उसके महत्व को उन्हें समझना चाहिए। हरेक मामले में जातीय जहर की राजनीति का कोई महत्व नहीं होता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरक्षण के पूर्णतः पक्षधर हैं। नीतीश कुमार ने ही बिहार में पहली बार महिलाओं को अलग से आरक्षण की सुविधा दी।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में राज्य का सर्वांगीण विकास हो रहा है। राज्य की जनता सब देख रही है। नेता प्रतिपक्ष को भी सुचिता की राजनीति करते हुए अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए। लोकतंत्र में नेता प्रतिपक्ष की आस्था का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि विधानसभा सत्र में अनुपस्थित रहें।

उन्होंने कहा, इंटरनेट मीडिया पर टिप्पणी करने से जनता का कुछ भला नहीं होने वाला है। धरातल पर जनता के साथ जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं का निदान व अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।

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