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Bihar Politics: कर्पूरी ठाकुर पर फिर राजनीति शुरू, Nitish Kumar की पार्टी ने अब लालू यादव और UPA सरकार पर उठा दिया सवाल

Bihar News बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर पर बिहार में राजनीति फिर शुरू हो गई है। अब नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बुधवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब उस सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न नहीं दिया। क्यों नहीं दिया यह बताना चाहिए।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mukul KumarUpdated: Wed, 31 Jan 2024 08:21 PM (IST)
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बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और लालू यादव
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi जदयू (JDU) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बुधवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब उस सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न नहीं दिया। क्यों नहीं दिया, यह बताना चाहिए।

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) तत्कालीन यूपीए की सरकार में कद्दावर मंत्री की भूमिका में थे, तब लालू प्रसाद यादव की ओर से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिलाने के लिए क्यों नहीं पहल किए?

कुशवाहा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा जाति आधारित गणना पर श्रेय लेने की कोशिश उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।

कांग्रेस पार्टी अगर वाकई में जाति आधारित गणना को लेकर इतनी गंभीर है तो लंबे समय तक केंद्र की सरकार में रहने के बावजूद भी उन्होंने देशभर में यह गणना क्यों नहीं कराया।

बिहार के कल्याण के लिए नीतीश का समाजवाद जरूरी : राजीव रंजन

वहीं, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बिहार के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समाजवाद जरूरी है। बिहार का राजनीतिक इतिहास गवाह है कि परिवारवादी दलों ने हमेशा ही राज्य और जनता का शोषण किया है।

नीतीश कुार के समाजवादी शासन से पहले बिहार में कैसी अंधेरनगरी थी, उसे लोग भूले नहीं हैं। परिवारवाद की राजनीति करने वाले लोगों के राज में जहां सिर्फ एक खास परिवार और उनकी पालकी ढ़ोने वालों का विकास हुआ, वहीं नीतीश राज में पहली बार आम जनता के दरवाजे पर विकास की पहुंच हुई।

उन्होंने कहा कि यह नीतीश राज का समाजवादी माडल ही है जिसके कारण आज बिहार की 10.98 की विकास दर, देश के विकास दर से भी अधिक है। यह नीतीश कुमार के समाजवादी शासन का ही परिणाम है कि आज बिहार की महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में कामयाबी के झंडे गाड़ रहीं हैं।

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