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Nitish Kumar Resign: नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा त्यागपत्र, अब भाजपा-हम के समर्थन से 9वीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ!

Nitish Kumar Resign Bihar Politics In Hindi बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को राजभवन जाकर अपना इस्तीफा राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को सौंप दिया है। इधर सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि वह इसी दिन नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले लेंगे। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में शुमार नेता आ सकते हैं।

By Arun Ashesh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Sun, 28 Jan 2024 11:21 AM (IST)
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Nitish Kumar Resign: नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा त्यागपत्र

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को त्याग पत्र दे दिया है। उसके बाद नए सहयोगी दलों के समर्थन के आधार पर नौंवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इससे पहले वे आठ बार इस पद की शपथ ले चुके हैं।

इससे पहले बुलाई गई जदयू विधानमंडल दल की बैठक में वे उन परिस्थितियों की चर्चा करेंगे, जिनके कारण महागठबंधन से अलग होना उनके लिए जरूरी हो गया था।

शपथ ग्रहण में आ सकते हैं अमित शाह

विधायक दल की बैठक 10 बजे दिन में मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई थी। अब शपथ ग्रहण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी उपस्थित रह सकते हैं।

नीतीश के नेतृत्व में गठित होने वाली अगली सरकार को भाजपा के 78, जदयू के 45, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के चार और एक निर्दलीय (कुल 128) का समर्थन प्राप्त होगा। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में साधारण बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए।

नीतीश के साथ कार्यक्रम में नहीं आए तेजस्वी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार के लिए पहले से निर्धारित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बक्सर जिला स्थित ब्रहमेश्वर स्थान मंदिर के विकास कार्यों का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी शामिल होना था। वह नहीं गए। बक्सर से लौटने के बाद नीतीश ने दिन पर वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बैठक की।

नीतीश के गठबंधन बदलने के निर्णय के कारण

शनिवार को राजधानी में सियासी सरगर्मी तेज रही। राजद विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसे राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी संबोधित किया।

लालू ने अपने विधायकों को कहा कि वे राज्य सरकार पर अनर्गल टिप्पणी से बचें। अगला 24 घंटा महत्वपूर्ण है। इस अवधि में पटना में ही रहें।

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वह महागठबंधन सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। इसमें रोजगार के मोर्चे की उपलब्धि महत्वपूर्ण है।

जाति आधारित गणना की उपलब्धियों को भी राजद अपने खाते में रखेगा। उन्होंने भी अपने विधायकों को संयत रहने की सलाह दी।

भाजपा की बैठक में समर्थन देने पर मंथन!

इधर, बताया जा रहा है कि भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नीतीश की अगली सरकार को समर्थन देने और उसमें शामिल होने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने की।

इस बैठक में भाजपा के सांसद भी शामिल हुए। इस दौरान विधायकों-सांसदों को बताया गया कि जदयू के साथ जाने का क्या चुनावी लाभ मिलेगा। अंतत: नीतीश की अगली सरकार को समर्थन देने पर सहमति बनी।

हम के चार विधायक भी देंगे समर्थन!

हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने की। इसमें उपस्थित सभी चार विधायकों ने नीतीश सरकार को समर्थन देने का निर्णय किया।

इस मोर्चा के चार विधायक उस समय भी नीतीश के साथ थे, जब उन्होंने राजग छोड़ महागठबंधन के साथ सरकार बनाने का निर्णय किया था।

बाद में मोर्चा के विधायक सरकार से अलग हो गए। मांझी के मुताबिक, उस समय उन पर अपनी पार्टी का जदयू में विलय कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। यहां पढ़ें पूरी खबर

राजद भी चुप नहीं है

वैसे ऊपरी तौर पर राजद बता रहा है कि वह जनता के बीच जाने के लिए तैयार है। लेकिन, सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी सुप्रीमो अपने दम पर सरकार बनाने की संभावनाओं की खोज कर रहे हैं।

महागठबंधन से अलग दलों के कुछ विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि अगर वे विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दे दें तो उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

अगर उसमें भी हार हुई तो विधान परिषद का सदस्य बनाकर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाएगा। इस साल 19 जून को विधान परिषद में 11 रिक्तियां होंगी। इन्हें विधायकों के वोट से भरा जाएगा।

वर्तमान विधायक संख्या के आधार पर महागठबंधन के हिस्से में पांच सीटें आएंगी। दूसरे दल से विधायकी से त्याग पत्र देकर आने वालों को इन पांच सीटों के आधार पर बेघर न होने की गारंटी दी जा रही है। यहां पढ़ें पूरी खबर

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