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Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव में नीतीश ने खूब दिखाया 'जंगलराज' का डर, इन मुद्दों पर भी मांगा वोट

लोकसभा का चुनावी महासमर खत्म हो चुका है। अंतिम चरण के लिए मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं जिसमें एक बार फिर एनडीए बड़ी जीत दर्ज करती हुई दिख रही है। हालांकि इस चुनाव में चुनावी मु्द्दे काफी दिलचस्प रहे। जदयू की बात करें तो इस चुनाव में जदयू के स्टार प्रचारकों ने पुराने मसलों को ही वोटरों के बीच आगे किए रखा।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 02 Jun 2024 05:19 PM (IST)
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जदयू के स्टार प्रचारकों ने पूरे चुनाव पुराने मसले को ही वोटरों के बीच किया आगे। (फाइल फोटो)
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। संपन्न हुए आम चुनाव में जदयू के स्टार प्रचारकों ने पुराने मसलों को ही वोटरों के बीच आगे किए रखा। जदयू नेताओं के चुनावी मंंच से लालू-राबड़ी के शासन काल के दौरान विधि-व्यवस्था, जंगल राज और फिर नीतीश कुमार के 18 वर्षों के शासन काल में आधारभूत संरचना और सोशल सेक्टर में हुए काम की चर्चा होती रही।

कई जगहों पर दिखा कि डबल इंजन की सरकार पर भी बात हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब नवादा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा को साझा किया तो उस दिन ही उन्होंने पूरे मनोयोग से जदयू के स्टार प्रचारकों के लिए चुनावी लाइन को तय कर दिया था।

लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासन काल की खूब हुई चर्चा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जदयू के सभी स्टार प्रचारकों ने अपनी चुनावी सभा में आए लोगों से लालू-राबड़ी के 15 वर्षों का जिक्र किया।

मुख्यमंत्री ने तो इस मसले पर चुनावी सभा में आए लोगों से संवाद के अंदाज में अपनी बात कही। उन्होंने बार-बार यह सवाल किया कि 2005 के पहले क्या स्थिति थी? शाम होते ही लोग घर में बंद हो जाते थे। अपराधियों का खौफ इतना अधिक था कि पूछिए मत।

उन्होंने कई बार अपनी चुनावी सभाओं में यह कहा कि जिन लोगों ने इसे भोगा है वह इस बारे में नयी पीढ़ी को बताएं। मुख्यमंत्री की इस लाइन को ही जदयू के स्टार प्रचारकों ने आगे बढ़ाया। अपहरण उद्योग की चर्चा की।

यह सवाल भी उठाया कि तेजस्वी यादव अपनी चुनानी सभाओं में इस पर क्यों कुछ नहीं बोलते? जदयू के कुछ नेताओं ने मतदान के ठीक पहले राजद के पंद्रह वर्षों के शासनकाल के दौरान हुए नरसंहार के विषय को भी उठाया।

अल्पसंख्यकों के विषय को भी जदयू के स्टार प्रचारकों ने उठाया

अल्पसंख्यकों के विषय को भी चुनाव के दौरान जदयू के स्टार प्रचारकों ने खूब उठाया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब नवादा के वारिसलीगंज स्थित माफी में अपनी पहली चुनावी सभा कर रहे थे तो इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने शासनकाल में सांप्रदायिक सद्भाव को बरकरार रखा। अल्पसंख्यकों ले लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायीं। उद्यमिता के लिए नीतिगत रूप से आर्थिक सहायता की।

मुख्यमंत्री यह भी पूछा कि हमने जब इतना किया है तो हमको नहीं दीजिएगा क्या? जदयू के कई स्टार प्रचारकों ने बार-बार यह कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर भागलपुर दंगा के दोषियों को सजा मिली। पीड़ितों को आर्थिक मदद की गयी। यह भी जोड़ा कि पूर्व की सरकार ने इस दंगे से जुड़ी फाइल को बंद कर दिया था।

आधारभूत संरचना को लेकर भी खूब बातें हुईं

जदयू के चुनावी मंच से आधारभूत संरचना को लेकर भी खूब बातें हुईं। सड़क और पुल के अतिरिक्त इस बार इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के भवन व अस्पतालों के निर्माण पर चर्चा हुई।

संवाद के नए तत्व में जाति आधारित जनगणना

जदयू के चुनावी मंच पर संवाद के नए तत्व में जाति आधारित जनगणना को नोटिस में लिया गया। वोटरों को जदयू के स्टार प्रचारकों ने यह बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर जाति आधारित गणना हुई। इसके आधार पर आरक्षण के दायरे को बढ़ाया गया।

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