Bihar Politics: गठबंधन से OUT होते ही I.N.D.I.A पर भड़के Nitish Kumar, लालू यादव के 'खुले दरवाजे' पर कही ये बड़ी बात
Bihar Politics आईएनडीआईए से अलग होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान सामने आया है। आईएनडीआईए से अलग होने पर उन्होंने शनिवार को कहा कि आईएनडीआईए बस ऐसे ही चल रहा। समझिए कि खत्म ही हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो आईएनडीआईए के लिए बड़ी कोशिश की। हम आईएनडीआईए के नाम के पक्ष में भी नहीं थे।
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि आईएनडीआईए बस ऐसे ही चल रहा। समझिए कि खत्म ही हो गया है। भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम में शामिल होकर लौटने के क्रम में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री से यह सवाल किया गया था कि आईएनडीआईए गठबंधन से एक-एक कर लोग निकल रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो आईएनडीआईए के लिए बड़ी कोशिश की। हम तो आईएनडीआईए के नाम के पक्ष में भी नहीं थे। आज राहुल गांधी जाति आधारित गणना की बात कर रहे। हम तो उनसे हर बैठक में यह कह रहे थे कि बिहार में जो इतना बड़ा काम हुआ है उस पर बोलिए। पर इस पर कभी कोई चर्चा है क्या?
लालू यादव के दरवाजा खुले होने के बयान पर क्या कहा?
मु्ख्यमंत्री से यह सवाल किया गया कि लालू प्रसाद यह कह रहे कि नीतीश कुमार के लिए उनका दरवाजा खुला हुआ है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया में नीतीश ने कहा कि यह बेमतलब की बात है। कौन क्या बोलता है इसके चक्कर में हम नहीं पड़ते। हम अब वहां आ गए हैं जहां पहले थे। काम कर रहे हैं और करते रहेंगे।नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन में ठीक नहीं चल रहा था इसलिए छोड़ दिए। लालू प्रसाद से विधानसभा के कारिडोर में हुई मुलाकात के बारे में पूछने पर कहा कि यह मेरी आदत रही है कि चाहे कोई मेरे खिलाफ हो या पक्ष में, मिलने पर वह सभी का नमन करते रहे हैं।
कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों पर काम करते रहे हैं
कर्पूरी ठाकुर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों पर लगातार काम करते रहे हैं। उन्होंने पिछड़ा व अतिपिछड़ा को आरक्षण दिया। बीच में यह बात होने लगा कि अतिपिछड़ा को खत्म कर पिछड़ा वर्ग में ही सभी को शामिल किया जाएगा। मैंने इसका पुरजोर विरोध किया। इसके बाद अतिपिछड़ा आरक्षण रह गया।कर्पूरी ठाकुर ने शराबबंदी लागू की थी
शराबबंदी पर बोलते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने शासनकाल में शराबबंदी लागू की थी। इस पर उन्हें दो वर्षों में ही हटा दिया गया और शराबबंदी को खत्म कर दिया गया। मैंने बिहार में फिर से शराबबंदी लागू की। इसके लिए बहुत लोग उनके खिलाफ रहते हैं।पर बिहार के हित में जो काम हो रहा है उसे वह करते रहेंगे।
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