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Nitish Kumar: नीतीश कुमार विधानसभा में गरजे! लालू-राबड़ी के शासन पर उठाए सवाल, बोले- इन लोगों ने खूब गड़बड़ी की

नीतीश कुमार ने कहा कि आज राजद के लोग जाति आधारित गणना का श्रेय ले रहे हैं। इसमें राजद की कोई भूमिका नहीं है। पहली बार 1990 में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनसे इसके बारे में बातचीत की थी। फिर प्रो. मधु दंडवते मधुलिमय और तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह से बातचीत हुई। उसी समय मेरे मन में यह विचार आया था जिसे 2019 से कार्यरूप देना शुरू किया।

By Arun Ashesh Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 13 Feb 2024 07:00 PM (IST)
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नीतीश कुमार विधानसभा में गरजे! लालू-राबड़ी के शासन पर उठाए सवाल, बोले- इन लोगों ने खूब गड़बड़ी की
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार की विकास से जुड़ी उपलब्धियों के दम पर लोकसभा की सभी 40 और 2025 के विधानसभा चुनाव में दो सौ से अधिक सीटों पर राजग की जीत होगी। उन्होंने कहा कि विकास और कानून का राज उनके शासन का लक्ष्य है और इस पर किसी के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। वे मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर सरकार का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने कई बार दोहराया कि अब राजग गठबंधन से कभी अलग नहीं होंगे। नीतीश ने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव के समय तक राज्य के 10 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी और 10 लाख से अधिक रोजगार मिल जाएगा। पांच लाख सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य हासिल होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बड़े पैमाने पर नियुक्ति होने से पहले भी उनके शासन में पांच लाख 35 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। अभी बिहार पुलिस में एक लाख 10 हजार कर्मी तैनात हैं। 21391 पुलिसकर्मियों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही यह संख्या दो लाख 27 हजार हो जाएगी।

राजद पर लगाए गड़बड़ी के आरोप

उन्होंने साथ रहने के दौरान राजद पर गड़बड़ी करने के कई आरोप लगाए। यह भी कहा कि अगले चुनावों में राजद को काफी नुकसान होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार में राजद के लोग सरकारी सेवाओं में पिछड़े और अति पिछड़े के लिए अलग-अलग आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करने के लिए दबाव बना रहे थे। हमने कहा कि यह व्यवस्था समाप्त नहीं होगी। इसे 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने लागू किया था।

नीतीश कुमार ने कहा कि आज राजद के लोग जाति आधारित गणना का श्रेय ले रहे हैं। इसमें राजद की कोई भूमिका नहीं है। पहली बार 1990 में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनसे इसके बारे में बातचीत की थी। फिर प्रो. मधु दंडवते, मधुलिमय और तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह से बातचीत हुई। उसी समय मेरे मन में यह विचार आया था, जिसे 2019 से कार्यरूप देना शुरू किया। जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।

'पति-पत्नी के शासन में कुछ नहीं हुआ'

उन्होंने जाति आधारित गणना और सरकारी नौकरी देने के मामले में राजद के श्रेय लेने के मुद्दे पर कहा कि 15 वर्षों के पति-पत्नी (लालू यादव और राबड़ी देवी) के शासन में कुछ नहीं हुआ था। शाम के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे। आज महिलाएं 11 बजे रात तक घर से बाहर रह सकती हैं। उन्होंने दो बार राजद को सरकार में रहने का अवसर दिया, लेकिन वे लोग सिर्फ गड़बड़ी करने में लगे रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके शासन में सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम हुआ। पहले हिन्दुओं-मुसलमानों के बीच झगड़े होते रहते थे। आज बंद हैं। सरकार ने 8519 कब्रिस्तानों की घेरेबंदी की। तीन सौ पर काम चल रहा है। बचे हुए चार सौ कब्रिस्तानों की घेराबंदी के प्रबंध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों की घेराबंदी भी हो रही है। राज्य सरकार सभी धर्मों के लिए काम कर रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। 2005 में किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महीने में 29 मरीज इलाज के लिए आते थे। आज इनकी संख्या 11 हजार पर पहुंच गई है।मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शिक्षा में व्यापक सुधार हुआ है।

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