Bihar politics: महागठबंधन की तुलना में NDA में नीतीश कुमार को 5 फायदे, पुराने फॉर्म में वापस लौटने की तैयारी
Nitish Kumar News नीतीश कुमार के एनडीए में जाते ही बिहार की सियासत गरमा गई है। महागठबंधन में शामिल सभी दल अब मुख्यमंत्री पर हमलावर हो गए हैं। लेकिन इन सब के बीच एक बात जो सामने आ रही है कि एनडीए में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार को किस तरह के फायदे मिलेंगे। क्या नीतीश कुमार फिर से अपने पुराने फॉर्म में आ पाएंगे।
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Hindi: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एनडीए के साथ हाथ मिला लिया है। एनडीए में उनके जाने के बाद, कई चुनावी समीकरण ध्वस्त होते दिख रहे हैं। नीतीश कुमार के जाने से महागठबंधन को कहीं न कहीं नुकसान होता दिख रहा है।
वहीं, भाजपा (BJP) को इससे जरूर फायदा मिलने वाला है। लेकिन इन सबके बीच सवाल यह उठ रहा है कि एनडीए में जाने के बाद नीतीश कुमार को कौन सा फायदा होने वाला है। तो चलिए जानते हैं कि एनडीए में जाने के बाद नीतीश कुमार को कौन कौन से फायदे मिलने वाले हैं।
नीतीश कुमार को मिलेगी 5 बड़ी छूट
1.एनडीए (NDA) में जाने से नीतीश कुमार को महागठबंधन की तुलना में लोकसभा में ज्यादा सीटों पर जीत मिल सकती है, क्योंकि, राम मंदिर की लहर में अभी जेडीयू को भाजपा की वजह से सीटों का फायदा होना तय है।
2. विधानसभा चुनाव में भी पहले की तुलना में अधिक सीटों पर फायदा मिलेगा, क्योंकि चिराग पासवान को हर संभव मनाने की कोशिश की जाएगी कि वह विधानसभा चुनाव में अलग न लड़ें। बता दें कि चिराग पासवान की वजह से पिछली बार जेडीयू को विधानसभा में सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था।
3. अब पीएम मोदी के साथ आने से नीतीश कुमार के बिखड़े हुए कार्यकर्ता फिर से एकजुट हो जाएंगे। वहीं वह दबाव से मुक्त होकर कानून व्यवस्था को संभालने का काम करेंगे।
4. शिक्षक नियु्क्ति का क्रेडिट अब अकेले ले सकेंगे। जगह-जगह पोस्टर लगाकर यह बताने की कोशिश करेंगे कि जेडीयू ने ही लाखों शिक्षकों की बहाली की है।
5. राज्य में लटकी परियोजनाओं को केंद्र सरकार की तरफ से तुरंत हरी झंडी मिल जाएगी।
चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा का भाव होगा कम?
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के एनडीए में आ जाने से चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को सीटों से समझौता करना पड़ सकता है। हो सकता है कि इन दोनों को एक-दो राज्य सभा सीटें देकर, लोकसभा में सीटों को मैनेज करने की कोशिश की जाएगी ताकि गठबंधन में समन्वय बना रहे और नीतीश कुमार फिर से नाराज न हों।
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