बिहार में मेडिकल छात्रों को बड़ा झटका, एनएमसी ने एमबीबीएस की 860 सीटों पर नामांकन को किया अमान्य
बिहार में मेडिकल के छात्रों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल एनएमसी ने एमबीबीएस की 860 सीटों पर नामांकन को अमान्य करार दिया है। इस फैसले के बाद मेडिकल छात्र निराश नजर आए। वहीं अब अधिकारियों की सफाई भी सामने आई है। राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस कोर्स में नामांकन के लिए तीसरे राउंड की काउंसिलिंग प्रक्रिया एक से चार अक्टूबर तक संचालित की गई थी।
By Jagran NewsEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Sat, 21 Oct 2023 08:56 AM (IST)
जागरण संवाददाता,पटना। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने राज्य के सरकारी और निजी कालेजों में एमबीबीएस कोर्स की 860 सीटों पर नामांकन को अमान्य घोषित कर दिया है। उपसचिव पूर्णिमा टूटू ने बताया कि बिहार सहित कई राज्य सत्र 2023-24 में एमबीबीएस कोर्स में नीट यूजी क्वालीफाई छात्रों का नामांकन निर्धारित अवधि के बाद लिए हैं।
30 सितंबर के बाद लिए गए छात्रों के नामांकन अमान्य है। नामांकन रद करने के लिए संबंधित सेंट्रल व राज्य प्राधिकार को कहा गया है। नामांकन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मामला संज्ञान में है। एनएमसी को तर्क के साथ औचित्य पूर्ण जवाब दे दिया गया है।
एक से चार अक्टूबर तक हुआ था थर्ड राउंड
राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में नामांकन की प्रक्रिया बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) संचालित करती है। राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस कोर्स में नामांकन के लिए तीसरे राउंड की काउंसिलिंग प्रक्रिया एक से चार अक्टूबर तक संचालित की गई थी। तीसरे राउंड में एमबीबीएस, डेंटल व वेटनरी की 1,093 सीटें आवंटित की गई हैं।इसमें सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 1,206 में से 597 सीटें हैं। निजी मेडिकल कालेजों की 1,050 सीटों में से 263 पर नामांकन तीसरे राउंड में हुआ है। सरकारी डेंटल कालेज की 75 सीटें तथा निजी डेंटल कालेजों की 122 सीटें में 30 पर नामांकन 30 सितंबर के बाद हुआ है। तीसरे राउंड के बाद भी एमबीबीएस व डेंटल की 144 सीटें रिक्त हैं। इन पर नामांकन के लिए 18 अक्टूबर तक अभ्यर्थियों से च्वाइस मांगे गए थे। अभी इन सीटों पर नामांकन नहीं हुआ है।
बीसीईसीई के अधिकारियों का आया बयान
बीसीईसीई के अधिकारियों का कहना है कि काउंसिलिंग की प्रक्रिया राज्य में देर से प्रारंभ हुई। इसका प्रमुख कारण निजी मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी दर पर नामांकन और छात्राओं को 33 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित निर्णय में देरी को कहा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना के कारण आयोग ने संबंधित सभी प्राधिकार को जानकारी उपलब्ध करा दी है।एनएमसी के निदेशक का भी आया बयान
यूजी मेडिकल (एनएमसी) के निदेशक शंभू शरण कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एमबीबीएस कोर्स की सीटों में नामांकन के लिए उत्तरदायी केंद्रीय और राज्य प्राधिकार को 27 जुलाई को पत्र जारी कर कटआफ डेट की जानकारी दी गई थी। 30 सितंबर के बाद विद्यार्थियों के नामांकन को आयोग ने अमान्य करार दिया है। आयोग की वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी अपलोड कर दी गई है।
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