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बिहार में अनंत सिंह ही नहीं, पप्‍पू, शहाबुद्दीन, आनंद मोहन से लेकर रीतलाल तक लंबी है बाहुबली नेताओं की लिस्‍ट

Bahubali in Bihar Politics बिहार की सियासत में बाहुबली नेताओं की फेहरिस्‍त काफी लंबी है। अनंत सिंह से लेकर रामा सिंह सूरज भान सिंह आनंद मोहन मो शहाबुद्दीन पप्‍पू यादव जैसे कई नाम हैं जिन्‍हें बाहुबली नेताओं में शुमार किया जाता है।

By Vyas ChandraEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2022 05:12 PM (IST)
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बिहार की राजनीति में चर्चित बाहुबली नेता। जागरण
पटना, आनलाइन डेस्‍क। राजद विधायक अनंत सिंह को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। एके 47 समेत अन्‍य मामले में फैसला आया है। अनंत सिंह का नाम बिहार के बाहुबली नेताओं मे शुमार किया जाता है। बिहार की सियासत में देखें तो ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्‍त है जिनकी छवि दबंग वाली रही है। जनता इन्‍हें चुनकर विधानसभा से लेकर संसद तक भेजती रही है।  सांसद, विधायक से लेकर राज्‍य और केंद्र में मंत्री पद तक पर ऐसे लोग काब‍िज रह चुके हैं। दिवंगत केंद्रीय मंत्री तस्‍लीमुद्दीन, पूर्व सांसद पप्‍पू यादव, आनंद मोहन, दिवंगत मो शहाबुद्दीन, विधायक रीतलाल यादव, मुन्‍ना शुक्‍ला, रामा सिंह, सूरजभान सिंह, राजन तिवारी, सुनील पांडेय जैसे दर्जनों नाम हैं। इनमें कई अभी भी राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हैं। ऐसे ही नेताओं पर डालते हैं  एक नजर: 

मोकामा के छोटे सरकार हैं अनंत सिंह 

अनंत सिंह की बात करें तो इन्‍हें बिहार का सबसे चर्चित बाहुबली माना जाता है। पटना के मोकामा में छोटे सरकार के नाम से पहचान रखने वाले अनंत सिंह जदयू में भी रह चुके हैं। बाढ़ में एक हत्‍याकांड के बाद जदयू से इनकी दूरी बनी। वे निर्दलीय विधायक भी बने। बाद में राजद के टिकट पर विधायक बने। एके 47 मामले में उनकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। 

जेल में रहते हुए चुनाव जीते रीतलाल  

दानापुर के रहने वाले राजद विधायक रीतलाल यादव की छवि भी बाहुबली नेता के रूप में रही है। प्रभाव ऐसा कि जेल में रहते हुए विधान परिषद का चुनाव जीत गए। इससे पहले 2015 में राजद के टिकट पर उन्‍होंने विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। रीतलाल यादव का क्षेत्रीय राजनी‍ति में काफी प्रभाव माना जाता है। लंबे समय तक वे जेल में रहे हैं।  

साहब और सिवान का सुल्‍तान कहे जाते थे शहाबुद्दीन 

सिवान के सांसद रह चुके दिवंगत मो शहाबुद्दीन का नाम बाहुबलियों में काफी ऊपर रखा जाता है। सिवान के सुल्‍तान के नाम से चर्चित शहाबुद्दीन का इंतकाल दिल्‍ली के तिहाड़ जेल में हो गया था। डबल मर्डर मामले में वे आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।  उन्‍हें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का काफी करीबी माना जाता था। सिवान में उन्‍हें साहब और सरकार भी समर्थक कहते थे। 

लोगों के बीच काफी सक्रिय हैं पप्‍पू यादव 

निर्दलीय विधायक और सांसद बनने के बाद कई दलों से सदन पहुंच चुके राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव का इतिहास भी बाहुबली नेता वाला रहा है। हालां‍कि‍, वर्तमान में वे अपनी छवि को पूरी तरह बदलने में लग गए हैं।  लोगों के बीच काफी सक्रिय हैं। चाहे कोरोना काल हो या पटना में जलप्रलय की स्थिति, हर जगह वे आगे रहे। लेागों की मदद की। कई मौके पर वे नीतीश सरकार की सराहना कर चुके हैं। पत्‍नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्‍यसभा सदस्‍य हैं। ऐसे ही नेता रहे दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री मो तस्‍लीमुद्दीन। सीमांचल के क्षेत्र में उनका काफी दबदबा था। वे केंद्र में गृह राज्‍यमंत्री भी बने। उन्‍हें दबंग नेता के रूप में देखा जाता था। लेकिन कमजोर तबके के बीच वे मददगार मसीहा के रूप में जाने जाते थे। 

17 की उम्र में शुरू हुआ आनंद मोहन का सियासी सफर  

पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। वे देश के पहले ऐसे राजनेता हैं जिन्‍हें मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में उसे उम्रकैद में तब्‍दील कर दिया गया। सहरसा जिले के रहने वाले आनंद मोहन जेपी आंदोलन में काफी सक्रिय रहे। महज 17 साल की उम्र में उनका सियासी सफर शुरू हो गया। जनता दल से पहली बार विधायक बने आनंद मोहन की पांच बार सांसद रह चुके पप्‍पू यादव से अदावत काफी चर्चित रही है। युवाओं के बीच वे लोकप्रिय थे। 1994 में जी कृष्‍णैया हत्‍याकांड में वे सजायाफ्ता हैं। 

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