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अब हवाई जहाज का ईंधन भी मिलेगा बिहार में, बरौनी रिफाइनरी में इस साल से शुरू हो जाएगा उत्‍पादन

पॉली प्रोपलीन यूनिट की स्थापना पर भी चल रहा काम। प्लास्टिक उत्पाद के लिए नहीं रहना पड़ेगा दूसरे राज्यों पर निर्भर। उद्योग के क्षेत्र में बिहार में नई संभावना के खुल रहे द्वार। बिहार में पेट्रोकेमिकल युग की होगी शुरुआत।

By Vyas ChandraEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 09:05 AM (IST)
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बरौनी रिफाइनरी में होगा हवाइ ईंधन का उत्‍पादन। फाइल फोटो
बेगूसराय, जागरण संवाददाता। बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित बरौनी रिफाइनरी (Barauni Refinery)से इस साल के अंत तक एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) का उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है। उत्पादन शुरू होने के बाद बिहार में विमानों के लिए ईंधन (Fuel for Air plane) यहीं से उपलब्ध हो जाएगा। वहीं, दूसरी ओर पॉली प्रोपलीन यूनिट की स्थापना की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। इसके तहत एटमोस्फियरिक वैक्यूम यूनिट (एवीयू) और पॉली प्रोपलीन इकाई (पीपी) की स्थापना की जाएगी। इससे बिहार में पेट्रोकेमिकल युग की शुरुआत होगी और पॉलीमर आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। अभी प्लास्टिक उत्पाद के लिए बिहार को दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। 

पूरा हो चुका है रिएक्टर का निर्माण

बरौनी रिफाइनरी में हवाई जहाज के ईंधन के उत्पादन के लिए इंडजेट प्रोजेक्ट के तहत रिएक्टर का निर्माण हो चुका है। 250 केटीपीए (किलो टन प्रति वर्ष) क्षमता वाली इस यूनिट की स्थापना से एटीएफ का उत्पादन शुरू हो जाएगा। 

हाई स्पीड डीजल का सर्वाधिक उत्पादन 

बरौनी रिफाइनरी मुख्य रूप से डीजल उत्पादक रिफाइनरी है, जिसमें 50 फीसद से अधिक उत्पादन हाई स्पीड डीजल (एसएसडी) है। इसका उत्पादन 2818 टीएमटी (हजार मीट्रिक टन) है। इसके अतिरिक्त स्प्रिट व केरोसिन आदि तैयार होता है। मोटर स्प्रिट (एमस) 1029 टीएमटी (20 फीसद), एसकेओ (सुप्रीरियर केरोसिन आयल) 430 टीएमटी (08 फीसद), एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) 364 टीएमटी (6.5 फीसद), नेप्था 322 टीएमटी (5.5), आरपीसी (रॉ पेट्रोलियम कोक) 162 टीएमटी, बिटूमिन 33 टीएमटी, सल्फर सात टीएमटी और इबीएमएस (इथेनाल ब्लैंडिंग मोटर स्प्रिट) का उत्पादन 4.9 टीएमटी है। 

42 फीसद आपूर्ति पाइपलाइन से 

रिफाइनरी अपने उत्पाद की आपूर्ति के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करती है। इसमें 42 फीसद आपूर्ति पाइपलाइन, 35.6 फीसद सड़क मार्ग व 21.6 फीसद रेल मार्ग से की जाती है। रिफाइनरी अपने उत्पाद बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, असम, हरियाणा और नेपाल तक भेजती है। वहीं, नेप्था सीधे पानीपत रिफाइनरी को भेजा जाता है। 

हरित ईंधन का हो रहा उत्पादन 

रिफाइनरी ने बीएस-6 के तहत फ्यूल का भी उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही डिगबोई (असम) के बाद बरौनी रिफाइनरी इंडियन ऑयल की दूसरी रिफाइनरी बन गई है, जो हरित ईंधन का उत्पादन कर रही है। बरौनी रिफाइनरी में हरित ईंधन के उत्पादन के लिए अगस्त 2019 में नई प्राइम जी प्लस इकाई शुरू की गई थी। इस संयंत्र के चालू होने के साथ बरौनी रिफाइनरी बीएस-6 गुणवत्ता वाले पेट्रोल व डीजल का उत्पादन करने में सक्षम हो गई। 

बरौनी रिफाइनरी की कार्यपालक निदेशक सुश्री शुक्ला मिस्त्री ने बताया कि बरौनी रिफाइनरी हरित ईंधन को प्रोत्साहित करते हुए 2019 से बीएस-6 के तहत पेट्रोल व डीजल का उत्पादन कर रही है। कोरोना काल में जब फैक्ट्रियां बंद हो रही थीं, तो यहां के कर्मचारी उत्कृष्ट कार्य करते हुए आवश्यक जरूरत को पूरा करते रहे। बरौनी रिफाइनरी बिना रुके कार्य करती रही। इस साल से हवाई ईंधन का भी उत्पादन शुरू हो जाएगा। 

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