Bihar News: अब सोशल स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटाएंगे आधा दर्जन एनजीओ, आईपीओ के जरिए उठा सकते हैं 50 लाख तक की पूंजी
अब सोशल स्टॉक एक्सचेंज भी अस्तित्व में आ गया है। कोई भी गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ व एनजीओ) जो सामाजिक क्षेत्र में काम करने का इरादा रखता है को सामाजिक उद्यम के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिहार में इस व्यवस्था को धरातल पर लाने के लिए जोरों से काम चल रहा है। आधा दर्जन एनजीओ नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कर रहे हैं।
By Nalini RanjanEdited By: Mukul KumarUpdated: Sun, 03 Dec 2023 10:15 AM (IST)
नलिनी रंजन, पटना। अब तक आपने नेशनल स्टाक एक्सचेंज या बांबे स्टाक एक्सचेंज के बारे में सुना होगा, लेकिन सोशल स्टाक एक्सचेंज भी अस्तित्व में आ गया है। इसे वर्तमान वित्तीय वर्ष के आरंभ में सेबी की मंजूरी मिल गई थी।
कोई भी गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ व एनजीओ), जो सामाजिक क्षेत्र में काम करने का इरादा रखता है, को सामाजिक उद्यम के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिहार में इस व्यवस्था को धरातल पर लाने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।
इस कड़ी में नाबार्ड के माध्यम से 35 एनजीओ को एकसूत्र कर राज्य के कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन व ग्रामीण इलाके के विकास को लेकर बड़ी योजना पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। इनमें आधा दर्जन एनजीओ नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कर रहे हैं।
नाबार्ड दे रहा तकनीकी मदद
यह उद्यमों हेतु उनकी सामाजिक पहल के लिए वित्त की व्यवस्था करने, दृश्यता हासिल करने और फंड जुटाने एवं उपयोग के बारे में बढ़ी हुई पारदर्शिता प्रदान करने के एक माध्यम के रूप में काम करता है।
सोशल स्टाक एक्सचेंज की शुरुआत गैर-लाभकारी संगठनों और दान देने वालों को एक-दूसरे के करीब लाने और दान में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए की गई है।
इसके लिए नबार्ड तकनीकी रूप से मदद कर रहा है। बिहार की बात करें तो नाबार्ड ऐसी आधा दर्जन से अधिक योजनाओं पर काम कर रहा है।
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