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Bihar: अब दिल्ली में भी मिलेंगे सुधा के मिठाई और दूध, एयरपोर्ट और मेट्रों में मिलेंगे इसके प्रोडक्ट

Sudha Dairy बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के फैसले के अनुसार बिहार का सुधा अब दूसरे राज्यों में भी मिलेगा। सुधा के बूथ दिल्ली मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी दिखेंगे। अब उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और दिल्ली में भी सुधा दूध और दूध के उत्पादों का बिक्री की जाएगी। वहीं कॉम्फेड की ओर से इस साल एक दिन में कुल 25 लाख किलो दूध संग्रहण किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Sat, 15 Jul 2023 04:22 PM (IST)
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Bihar: अब दिल्ली में भी मिलेंगे सुधा के मिठाई और दूध
जागरण संवाददाता, पटना। अब बिहार की पहचान बन चुका सुधा दिल्ली में भी मिलेगा। सुधा के बूथ दिल्ली मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी दिखेंगे।

बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) निदेशक पर्षद की पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव सह कॉम्फेड अध्यक्ष डॉ. एन विजयलक्ष्मी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में यह निर्णय शुक्रवार को लिया गया।

कॉम्फेड की ओर से इस साल एक दिन में कुल 25 लाख किलो दूध संग्रहण किया गया। इससे दूध संग्रहण के क्षेत्र में राज्य नौवें स्थान से छठे स्थान पर पहुंच गया। वर्तमान में कॉम्फेड में महिला समितियों की संख्या 4,568 है, जिसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया। विपणन नेटवर्क में भी वृद्धि हुई है।

अब उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में भी सुधा दूध और दूध के उत्पादों का बिक्री की जाएगी। पशुपालकों के लाभ के लिए चारा के एफपीओ को बढ़ावा दिया जा रहा है, इससे जल्द आरंभ करने का निर्देश दिया गया।

प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से सात निश्चय-2 के तहत कृषि रोड मैप में भी समिति गठन, स्वचालित दूध संग्रहण इकाई, नए डेयरी संयंत्र, विक्रय तंत्र के विकास, पशु आहार आदित की योजनाओं के साथ राज्य में बेहतर नस्ल के दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने की भी योजना है।

प्रशिक्षण के लिए एक लाख लीटर की डेयरी की होगी स्थापना

प्रधान सचिव ने बताया कि राजधानी के संजय गांधी इंस्टीट्यूट आफ डेयरी टेक्नोलाजी के छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने एक लाख लीटर की डेयरी की स्थापना एवं संचालन के सहयोग को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

कॉम्फेड के एमडी अभय कुमार सिंह ने बताया कि अप्रैल 2023 में दूध की दरों में व्यापक वृद्धि की गई है। दुधारू पशुओं के नस्ल उन्नयन के लिए बीते साल 29.31 लाख गर्भाधान कराए गए, जो अब तक के सर्वाधिक हैं। ग्रामीणों को सहकारिता से अवगत कराने के लिए दिसंबर 2022 से गांवों में जाकर सहकारिता विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

अब तक 800 गांवों में इसका आयोजन किया जा चुका है। इसमें 36 हजार ग्रामीणों ने भाग लिया। बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के प्रतिनिधि, निदेशक, गव्य विकास, निबंधक सहयोग समितियों के प्रतिनिधि, दुग्ध संघों के अध्यक्षों और महाप्रबंधक आदि ने भाग लिया।

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