Patna News आइआइटी परिसर में शुक्रवार को भारतीय मौसम विभाग बिहार आपदा प्रबंधन आथिरिटी व आइआइटी के सहयोग से राष्ट्रीय लाइटनिंग सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान आकाशीय बिजली व अन्य मौसमी संबंधी जानकारी को लेकर नीतीश (नोवेल इनिशिएटिव टेक्नोलाजिकल इंटरवेशन फार सेफ्टी आफ ह्यूमन) नामक उपकरण का विमोचन व संस्थान परिसर में मौसम वेधशाला का उद्घाटन किया गया।
जागरण संवाददाता, पटना। आइआइटी परिसर में शुक्रवार को भारतीय मौसम विभाग, बिहार आपदा प्रबंधन आथिरिटी व आइआइटी के सहयोग से राष्ट्रीय लाइटनिंग सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान आकाशीय बिजली व अन्य मौसमी संबंधी जानकारी को लेकर नीतीश (नोवेल इनिशिएटिव टेक्नोलाजिकल इंटरवेशन फार सेफ्टी आफ ह्यूमन) नामक उपकरण का विमोचन व संस्थान परिसर में मौसम वेधशाला का उद्घाटन किया गया।
आइआइटी पटना (IIT Patna) के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि प्रदेश में बिजली चमकने की घटना बहुत अधिक होती है। उपकरण के जरिए आकाशीय बिजली गिरने से पहले लोगों को जानकारी मिलेगी। यह यंत्र संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। उपकरण को लोग लाकेट के रूप में धारण करेंगे।
ठनका (आकाशीय बिजली) गिरने से कुछ समय पहले यंत्र में कंपन होने लगेगा, इससे लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच अपना बचाव कर सकते हैं। इसका अभी ट्रायल चल रहा है। यंत्र से खेत-खलिहान में कार्य करने वाले किसान व महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा। वहीं मौसम वेधशाला यहां बनने से मौसम की सटीक जानकारी मिलने के साथ शोध कार्यों में मदद मिलेगी।
निदेशक ने कहा कि बिजली वैश्विक चुनौती के रूप में है। मौसम विभाग के निदेशक डा. आशीष कुमार व आनंद शंकर ने कहा कि आने वाले दिनों यंत्र लोगों को उपलब्ध हो जाएगा। संयुक्त अध्ययन में नवादा जिले के कौवाकोल प्रखंड में आकाशीय बिजली से बचाव के लिए माडल के रूप में गांव का चयन किया गया है। गांव में स्वयं सेवी संस्था द्वारा कुछ घरों पर यंत्र लगाया गया है।
इसका विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक सह पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डा. एके वर्मा ने बिजली से संबंधित मौतों को कम करने में अनुसंधान और विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
डा. जैसन वर्गीस ने बिजली से संबंधित मौतों को कम करने के लिए, विशेष रूप से जमीनी स्तर पर, क्षमता निर्माण के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया। डा. जैसन वर्गीस ने कहा कि बिजली गिरने से होने वाली 96 फीसद माैतें गांवों में होती है। यह उपकरण लोगों के लिए कारगर साबित होगा। मौके पर कृष्ण एस वत्स, सुनील नारायण थूल, डा. जेके रमेश, कर्नल संजय श्रीवास्तव अन्य मौजूद थे।