Bihar Health Insurance: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, इन परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी सरकार
मंगलवार की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया। जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी। पांच लाख रुपये का यह बीमा कैशलैस होगा और केंद्र की योजना के तर्ज पर इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत की तर्ज पर बिहार सरकार अपने संसाधन से करीब 58 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। आज की बैठक में कुल 35 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
मंत्रिमंडल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया। जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी।
इन परिवारों को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ
पांच लाख रुपये का यह बीमा कैशलैस होगा और केंद्र की योजना के तर्ज पर इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे। बिहार में ऐसे करीब 58 लाख वे परिवार हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आते हैं और जिन्हें योजना के तहत पांच किलो सब्सिडी वाली खाद्य सामग्री के अलावा पांच किलो ग्राम मुफ्त अनाज दिया जाता है।इस योजना पर होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार अपने संसाधन से करेगी और इसमें केंद्र सरकार का कोई अंश नहीं होगा। योजना का लाभ आगामी वित्तीय वर्ष से संभावित है।इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने 176 ओपी (आउट पोस्ट) को थाना में बदलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। ये आउट पोस्ट (5 पुलिस कर्मी वाले हैं) अब थाना की तरह काम करने लगेंगे। मंत्रिमंडल ने कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई हटाने प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पहले से ही इंटर की पढ़ाई बंद है। उसी तरह अब राज्य के अन्य दर्जन से ऊपर विश्वविद्यालयों कालेजों में भी इंटर की पढ़ाई बंद हो जाएगी।
सरकारी 10+2 स्कूलों में ही इंटर की पढ़ाई होगी। वहीं पिछली महागठबंधन सरकार के समय गठित सभी संवैधानिक आयोग-बोर्डों के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। इसके लिए विशेषज्ञ कमेटी बनाई जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर बिल भी लाया जाएगा।ये भी पढ़ें- Chirag Paswan: हाजीपुर या जमुई? आखिर किस सीट से चुनाव लड़ेंगे मोदी के 'हनुमान', खुद बताई सारी बात
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