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World Liver Day : बिहार में हर 10 में से एक लिवर रोग से पीड़ित, अपने खान-पान में इन बातों का रखें ध्यान

World Liver Day आज विश्‍व लिवर दिवस है। बिहार में हर दस में से एक वयस्‍क लिवर संबंधित किसी न किसी बीमारी से पीडि़त हैं। फैटी लिवर के मरीज आए दिन अस्‍पतालों के चक्‍कर लगा रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपने खानपान को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रदेश के चिकित्‍सक भी लोगों को इसी तरह की सलाह देते हैं।

By Pawan Mishra Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 19 Apr 2024 08:22 AM (IST)
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World Liver Day : बिहार में हर 10 में से एक लिवर रोग से पीड़ित, इन बातों का रखें ध्यान
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना समेत प्रदेश में हर 10 वयस्क में से एक किसी न किसी लिवर संबंधी रोग से पीड़ित है। इसमें करीब 60 प्रतिशत मरीज नन अल्कोहालिक फैटी लिवर डिजीज की चपेट में हैं। शुरुआती दौर में दुष्प्रभाव सामने नहीं आने के कारण रोगी जबतक अस्पताल पहुंचते हैं लिवर सिरोसिस समेत अन्य गंभीर संक्रमण की चपेट में आ चुके होते हैं।

इसका सबसे बड़ा कारण पश्चिमी जीवनशैली यानी जो जहां जैसा मिला वाला खानपान, आरामतलबी व बिगड़ी जीवनशैली है। पहले यह रोग पश्चिमी देशों में ज्यादा होता था, पर गत 15 वर्षों में वहां कम हुआ है और भारत में तेजी से बढ़ा है।

मोटापा, हाईकोलेस्ट्राल, हाइपरटेंशन, ट्राइग्लिसराइड व मधुमेह की नन अल्कोहालिक फैटी लिवर के अहम कारक हैं। ये बातें विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल की पूर्व संध्या पर पीएमसीएच में गैस्ट्रोइंट्रोलाजी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. विजय प्रकाश, आइजीआइएमएस में गैस्ट्रोइंटोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. वीएम दयाल, गैस्ट्रो सर्जन डा. साकेत कुमार, डा. सत्यम आदि ने कहीं।

दवा नहीं खानपान व व्यायाम ही उपाय, लिवर कैंसर भी बढ़ा

डा. विजय प्रकाश के अनुसार जरूरत से अधिक फैट खाने पर वह लिवर में जमा होने लगता है और उसमें सूजन आने लगती है, जिसे फैटी लिवर कहते हैं।

लिवर में नई कोशिकाएं बनाकर खुद को रिपेयर करने की क्षमता होती है लेकिन आदतों में सुधार नहीं होने पर क्षतिग्रस्त कोशिकाएं स्वस्थ की जगह ले लेती हैं।

इस स्थिति को लिवर सिरोसिस यानी लिवर फेल्योर कहते हैं। फैटी लिवर की अभी तक कोई सटीक दवा नहीं है। वहीं खाने का स्वाद बढ़ाने वाला अजीनोमेटो, खाने को सुरक्षित रखने के लिए मिलाए जाने वाले प्रिजर्वेटिव, सुंदर दिखाने के लिए मिलाए जाने वाले कृत्रिम रंग, बार-बार एक ही तेल का गरमा कर तैयार किए गए व्यंजन लिवर कैंसर को बढ़ा रहे हैं।

डा. वीएम दयाल के अनुसार विश्व की 25 प्रतिशत आबादी लिवर रोगों की चपेट में है। बिहार में हर 10 में एक मरीज का अनुमान है। वहीं हर 10 फैटी लिवर रोगियों में से दो को लिवर सिरोसिस होता है।

हेपेटाइटिस बी व सी का यदि वे लिवर सिरोसिस में नहीं बदले हैं तो उपचार है पर फैटी लिवर खानपान में नियंत्रण व व्यायाम से ही ठीक हो सकता है।

कब लें डाक्टर से परामर्श

थकान-कमजोरी, वजन घटना, भूख नहीं लगना, जी मिचलाना, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, लिवर का आकार बढ़ना, पेट के ऊपरी हिस्से या बीच में दर्द, गर्दन, बांहो के नीचे काले से धब्बे, चेहरे में हल्की सूजन, गर्दन काली होना, पीलिया, खुजली, मुंह के आसपास दाने आदि।

खानपान में क्या रखें ध्यान

अधिक कार्बोहाइड्रेट, अधिक वसा, जंक फूड, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक का सेवन न करें। अधिक प्रोटीन जैसे साबुत अनाज, फलियां, नट, बींस, ताजे फल, हरी सब्जियां, जैतून का तेल, मसाले, जड़ी-बूटियों का सेवन अधिक करें। सप्ताह में पांच दिन 40 मिनट दौड़ या तेजी से टहलें।

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