Bihar Assembly Monsoon Session का विपक्ष ने किया बहिष्कार, तेजस्वी ने स्पीकर को बताया CM नीतीश की कठपुतली
Bihar Assembly Monsoon Session बिहार विधानसभा में विधायकों की पिटाई के मामले पर बहस की मांग पर अड़े विपक्ष ने इसपर चर्चा को स्पीकर द्वारा अनुमति नहीं देने पर सदन का बहिष्कार कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्पीकर को सीएम नीतीश कुमार की कठपुतली बताया है।
By Amit AlokEdited By: Updated: Tue, 27 Jul 2021 04:18 PM (IST)
पटना, जागरण टीम। Bihar Assembly Monsoon Session बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को पूरे विपक्ष (Opposition) ने सदन का बहिष्कार कर दिया। सभी विपक्षी दलों के विधायक सदन से बाहर निकल गए। इसके बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की कठपुतली (Puppet) करार दिया। कहा कि जबतक बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Assembly Budget Session) के दौरान विपक्ष के विधायकों की पिटाई के मामले पर सदन में चर्चा व दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे सदन का बहिष्कार करेंगे।
मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में हुआ हंगामा बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल तो ठीक से चला, लेकिन शून्य काल शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आमने-सामने हो गए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने जैसे ही बीते 23 मार्च के दिन विधानसभा में विपक्ष के विधायकों की पुलिस पिटाई की घटना पर सरकार को घेरा, सत्ता पक्ष के सदस्य विरोध करने लगे। इसके बाद जबरदस्त हंगामा खड़ा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ने स्थिति को देखते हुए तेजस्वी यादव समेत सभी को बैठने को कहा, फिर तेजस्वी को दो मिनट में पूरी बात रखने को कहा। इसके बाद पूरा विपक्ष सदन से बाहर चला गया। इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने सदन में कहा कि जो कुछ भी हुआ था, उसपर उन्हें निर्णय लेना है, इसमें सरकार कहीं नहीं है।
विधायकों की पिटाई पर चर्चा की नहीं मिली अनुमति सदन के बाहर तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा कि सोमवार काे विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया था कि बीते 23 मार्च के काले दिन विधानसभा में विधायकों की पिटाई के मामले पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसका आग्रह लिखित में भी दिया। इसके बाद मंगलवार को आज जब यह प्रस्ताव रखना चाहा, तब रोक दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने अनौपचारिक तौर पर अपनी बात रखने को तो कहा, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं दी। इतने बड़े मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष की बात नहीं मानी गई। अनौपचारिक तौर पर अपनी बात रखने का कोई मतलब नहीं था।
पूछा: क्या सिपाहियों ने अपने मन से की थी पिटाई? तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में विधायकों की पिटाई होती है और चार महीने बाद केवल दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया जाता है। क्या सिपाहियों ने अपने मन से विधायकों की विधानसभा में पिटाई की थी? फिर तो कल किसी पुलिस वाले द्वारा किसी विधायक को गोली मार देने पर भी दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया जाएगा?
विपक्ष कार्रवाई तक करता रहेगा सदन का बहिष्कार तेजस्वी ने कहा कि सदन में चर्चा से वही घबराते हैं, जिनके दिल में खोट होता है। कुछ लोगों ने विधानसभा को अपनी जागीर समझ बैठे हैं। वे जनता के मुद्दों पर बहस नहीं चाहते हैं। जहां जनता की सुनवाई नहीं, जहां पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई व महंगाई पर चर्चा नहीं होती, जहां लोकतंत्र नहीं बचा, जहां जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं, वहां जाने का कोई मतलब नहीं है। तेजस्वी ने कहा कि जबतक विधायकों की पिटाई के दाेषियों पर कार्रवाई नहीं होती, कार्यमंत्रणा समिति की बैठक नहीं होती, हमें बहस का मौका नहीं मिलता, हम विधानसभा का बहिष्कार करेंगे।
जातीय जनगणना को लेकर की कमेटी बनाने की मांग तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने खारिज कर दिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विधान सभा की कमेटी बनाई जानी चाहिए, जो प्रधानमंत्री से जाकर मिले।
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