पटना में 300 रुपये में आक्सीमीटर; जानें कंसट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर मास्क-सैनिटाइजर के दाम
Patna CoronaVirus Alert जरूरी दवाओं का स्टाक बनाने पर संवाद भी हुआ। हालांकि बाजार में कोरोना से जुड़े किसी भी उत्पाद की मांग अभी नहीं बढ़ी है। राहत की बात यह भी कि हर चीज की उपलब्धता भी पर्याप्त है।
जागरण संवाददाता, पटना : कोरोना महामारी की फिर से आहट मिलने के साथ ही बाजार भी सतर्क हो गया है। शुक्रवार को दवा मंडी की हलचल दिखाई दी। जरूरी दवाओं का स्टाक बनाने पर संवाद भी हुआ। हालांकि, बाजार में कोरोना से जुड़े किसी भी उत्पाद की मांग अभी नहीं बढ़ी है। राहत की बात यह भी कि हर चीज की उपलब्धता भी पर्याप्त है।
आक्सीमीटर : आक्सीमीटर की मांग कोरोना काल में जिस तरह से बढ़ गई थी कि इसकी कालाबाजारी होने लगी है। आक्सीमीटर पटना में 3,000 रुपये में बिकने लगा था। हालांकि, फिलहाल यह 300 से 600 रुपये में उपलब्ध है। आक्सीमीटर की मंडी में कमी नहीं है।
मास्क और सैनिटाइजर : मास्क और सैनिटाइजर की मांग बाजार में है। कोरोना काल शुरू होने के बाद से ये दोनों उत्पाद बाजार में छाए हुए हैं। इनकी मांग और उपलब्धता बनी हुई है। मास्क की कीमत 10 रुपये से 65 रुपये के बीच है। मिथिला पेंटिंग में भी इसे पेश किया गया है। सैनिटाइजर को बोतल के साथ ही छोटे पैक में 15 से 25 रुपये में भी उतारा गया है।
दावाओं की कमी नहीं
कोरोना महामारी के दौरान जिन दवाओं की जबरदस्त मांग निकली, उन दवाओं की बाजार में फिलहाल पर्याप्त उपलब्धता है। सोना मेडिकल हाल के जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन दवाओं की मांग फिलहाल नहीं है। दवा मंडी गोविंद मित्रा रोड के थोक व्यवसायी सुबोध कुमार ने कहा कि किसी भी दवा की कमी मंडी में नहीं है। विटामिन सी, जिंकोविट, कफ सीरप, पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन आदि दवाओं का पर्याप्त स्टाक है। कीमतें भी सामान्य हैं।
कंसट्रेटर भी उपलब्ध
कंसट्रेटर का कोई डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर पटना में नहीं है। व्यापारी आवश्यकता अनुसार इसे मंगाते हैं। मंगाने वाले व्यवसायियों की संख्या में दो-चार ही है। इसकी कीमत क्षमता पर निर्भर करती है। यह पांच से 20 किलो क्षमता में आता है।
आक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त
आक्सीजन सिलेंडर से जुड़ीं पटना जिले में पांच यूनिटें हैं। फिलहाल इन यूनिटों में 2,500 से 3,000 सिलेंडर का उत्पादन हो रहा है। ऊषा एयर प्रोडक्ट लिमिटेड के निदेशक एचएन प्रसाद ने कहा कि जरूरत पड़ने पर इन पांचों यूनिटों से करीब 7,500 आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन हो सकता है। अभी स्थिति सामान्य है और क्षमता से कम ही उत्पादन किया जा रहा है।