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Christmas 2020: पटना में 392 वर्ष पुरानी है पादरी की हवेली, इस महागिरिजाघर का है सुनहरा इतिहास

पादरी की हवेली ईसाई समुदाय द्वारा 1628 ई. में स्थापित की गई थी। वर्ष 1772 -1779 के बीच मात्र 700 रुपये में फिर से पादरी की हवेली गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्ष 2013 के नवंबर माह में पादरी की हवेली पर्यटन विभाग के मानचित्र पर आया ।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 09:19 AM (IST)
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पादरी की हवेली महागिरिजाघर की तस्‍वीर ।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। पौराणिक शहर पटना सिटी के गुरहट्टा स्थित पादरी की हवेली महागिरिजाघर 392 वर्ष पुराना है। ईसाई समुदाय द्वारा 1628 ई. में स्थापित पादरी की हवेली सैकड़ों वर्ष बाद भी अपने भीतर उस दौर का सूबसूरत इतिहास समेटे हुए है। स्थापना के समय मुगल बादशाह जहांगीर का शासन था और अंग्रेज भी भारत आ चुके थे। उस समय जहांगीर के ईसाई वायसराय ने इस गिरिजाघर में काम करने को कोलकाता से कापूचिन पुरोहित फादर साइमन फिगुएरडी को बुलाया था। फादर ने यहां प्रार्थना स्थल का भी निर्माण कराया। अशोक राजपथ से गुजरनेवालों इस चर्च पर आसानी से निगाहें पड़ जाती है। वर्तमान में इसके फादर ललित प्रमुख हैं।

युद्ध के दौरान इसे तहस-नहस कर दिया

1713 ई. में कापुचिन धर्मसंगियों ने विकसित पूजा घर का निर्माण कराया। 1763 ई. में अंग्रेजी एवं मीर कासिम के सिपाहियों के बीच युद्ध के दौरान अनेकों अंग्रेजों का कत्ल हुआ। उन अंग्रेजों को गिरिजाघर से कुछ दूरी पर स्थित गिरिजा अस्पताल के सटे कब्रिस्तान में दफनाया गया। युद्ध के दौरान पादरी की हवेली गिरिजाघर को तहस-नहस कर दिया।

इसके बाद रिवेटी के कापूचिन फादर जोसेफ द्वारा 1772 ई. से 1779 के बीच फिर से पादरी की हवेली गिरिजाघर का निर्माण कराया। कोलकाता के प्रसिद्ध वेनेटियन आर्किटेक्ट टेरेटो ने डिजाइन तैयार किया। उस समय सूर्खी-चूने का प्रयोग कर दीवार का निर्माण हुआ था। उस समय 700 रुपये में गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। पीले रंग की इमारत दूर से ही दिखती है। इमारत के अग्र भाग में ऊंचाई तथा मोटा चार पिलर है। 1782 ई. में गिरिजाघर में अष्टधातु से निर्मित विशाल मरिया घंटा नेपाल नरेश पृथ्वी नारायण के पुत्र बहादुर शाह द्वारा भेंट किया गया। घंटे का नाम मरिया अंकित है।

वर्ष 2013 के नवंबर माह में पादरी की हवेली पर्यटन विभाग के मानचित्र पर आ गया। पादरी की हवेली महागिरिजाघर के मुख्य द्वार का निर्माण फादर जेराम ने वर्ष 2014 में कराया। पटना सिटी आनेवाले पर्यटकों के लिए पादरी की हवेली महागिरिजाघर आकर्षण का क्रेंद्र है। फादर ललित बताते हैं कि रविवार के अलावा यहां क्रिसमस, नववर्ष, गुड फ्राई डे, ईस्टर जैसे त्योहारों पर भीड़ जुटती है। क्रिसमस के मौके पर पादरी की हवेली महागिरिजाघर की रौनक और बढ़ जाती है।

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