पप्पू आए 'टेंशन' लाए..! 24 घंटे में ही बिगड़ने लगा 'खेल', सियासी चौराहे पर आ गया अंदर का क्लेश
पप्पू यादव के कांग्रेस में आते ही टेंशन शुरू हो गई है। महज 24 घंटे के अंदर ही घर का क्लेश सियासी चौराहे पर आ गया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने एक्स-हैंडल पर बगैर नाम लिए लिखा है कि यह कहावत सच है कि डूबते को तिनके का सहारा लेना पड़ता है किंतु देश में और न ही बिहार में कांग्रेस पार्टी डूबती हुई पार्टी है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के जन अधिकार पार्टी (जाप) के विलय के दूसरे दिन गुरुवार से ही कांग्रेस में विरोध शुरू हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने अपने एक्स-हैंडल पर बगैर नाम लिए लिखा है कि यह कहावत सच है कि डूबते को तिनके का सहारा लेना पड़ता है, किंतु देश में और न ही बिहार में कांग्रेस पार्टी डूबती हुई पार्टी है।उन्होंने कहा कि फिर भी न जाने क्यों, कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की असहमति के बावजूद विवादित लोगों को महिमामंडित कर लोकसभा की सीट के साथ सदस्यता दिलाई जा रही है?
शर्मा ने आइएनसी इंडिया के आधिकारिक एक्स हैंडल के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें लिखा गया है कि जाप सेवा, न्याय और संघर्ष के लिए जानी जाती है।
पप्पू यादव की पार्टी का विलय
पूर्णिया संसदीय सीट पर द्वितीय चरण में चुनाव होना है। होली के तुरंत बाद यानि 28 मार्च से यहां नामांकन शुरू हो जाएगा। इस चलते अब महासंग्राम की धुंधली तस्वीर भी धीरे-धीरे साफ हो चुकी है। पूर्णिया से पूर्व में तीन बार सांसद चुने जाने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय के बाद महागठबंधन प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस दूर होने लगा है।यद्यपि अभी आईएनडीआईए में सीटों के बंटवारे का विधिवत एलान बाकी है, लेकिन कांग्रेस पूर्व से पूर्णिया सीट के लिए मजबूत दावेदारी कर रखी है। कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव यहां लंबे समय से पसीना बहा रहे हैं।जन अधिकार पार्टी के संरक्षक के रूप में वे कई बार हर हाल में पूर्णिया से ही चुनाव लड़ने का एलान भी कर चुके हैं, ऐसे में उनकी कांग्रेस में एंट्री से यह संभावना और बलवती हो गई है कि वे यहां महागठबंधन के प्रत्याशी हो सकते हैं।
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