'एक देश, एक चुनाव' पर जदयू नेता विजय चौधरी का बड़ा बयान, बोले- डगर कठिन है... करना पड़ेगा संशोधन
बिहार सरकार में संसदीय कार्य मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने एक देश और एक चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह नारा सुनने में भले ही अच्छा लगता हो लेकिन इसका क्रियान्वयन काफी कठिन है। चौधरी ने आगे कहा कि इसके लिए देश के संविधान में संशोधन करने की जरूरत होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना: देश भर में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। आईएनडीआईए गठबंधन के सदस्यों ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीतियों को लेकर बैठक की।
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी और बिहार सरकार में संसदीय कार्य मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ नारा को लेकर बड़ा बयान दिया है।
पसंद से नहीं अपनाई गई थी यह व्यवस्था
उन्होंने कहा है कि ‘एक देश-एक चुनाव’ का नारा लुभावना प्रतीत भले ही हो लेकिन इसका क्रियान्वयन उतना ही कठिन एवं दुष्कर है क्योंकि इसके लिए में संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता पड़ेगी।
चौधरी ने आगे कहा कि राज्यों के अलग चुनाव होने की व्यवस्था कोई पसंद से नहीं अपनाई गई थी, बल्कि संवैधानिक बाध्यतावश 1967 के बाद राज्यों के चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पहले भी कई बार राष्ट्रीय विमर्श छिड़ा है। फिर अचानक पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में समिति के गठन के पीछे मकसद कुछ और ही लगता है।
लोकप्रियता से ध्यान भटकाने के लिए यह कदम
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आईएनडीआईए की पिछले तीन बैठकों में बढ़ती मजबूती के साथ आपसी समझदारी से लगता है, भाजपा विचलित है। देश में अपने एजेंडे से विमर्श-प्राथमिकता निर्धारित करने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने कहा कि तभी तो बिना अन्य दलों से विचार किए एवं गोपनीय एजेंडा रखते हुए पांच दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। कोई ठीक नहीं फिर समान नागरिक संहिता का मुद्दा अकस्मात उछाल दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह सारे कदम देश का ध्यान विपक्षी गठबंधन की बढ़ती लोकप्रियता से हटाने की साजिश ही दिखती है।