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Pashupati Paras: चिराग पासवान के चाचा को मिला सबसे बड़ा दर्द! अपने ही कार्यालय से हुए बेदखल; 18 साल पहले...

आज से तकरीबन 18 वर्ष पहले रामविलास पासवान की LJP को कार्यालय उपयोग के लिए आवास संख्या - एक व्हीलर रोड पटना आवंटित किया गया था। जिस पर उनके देहांत के बाद उनके छोटे भाई पशुपति पारस अपनी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय संचालित कर रहे थे उसका आवंटन भवन निर्माण विभाग ने रद्द कर दिया गया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 13 Jun 2024 08:21 PM (IST)
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सांसद चिराग पासवान और लोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। Pashupati Paras राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का पटना स्थित पार्टी कार्यालय उनसे छिन गया है। उन्हें अब अपनी पार्टी के कामकाज संचालन के लिए नए कार्यालय की खोज करनी होगी।

आज से तकरीबन 18 वर्ष पहले रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय उपयोग के लिए आवास संख्या - एक, व्हीलर रोड, पटना आवंटित किया गया था। जिस पर उनके देहांत के बाद उनके छोटे भाई पशुपति पारस अपनी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय संचालित कर रहे थे, उसका आवंटन भवन निर्माण विभाग ने रद्द कर दिया गया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान आवास संख्या - एक, व्हीलर रोड से पार्टी गतिविधियों को अंजाम देते थे।

चिराग और पशुपति के बीच छिड़ा था 'महासंग्राम'

रामविलास पासवान के देहांत के बाद भाई पशुपति पारस और पुत्र चिराग पासवान के बीच पार्टी पर कब्जे का द्वंद्व शुरू हुआ। जिसमें पशुपति पारस की जीत हुई और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ ही मंत्री पद और पटना स्थित कार्यालय उनके पास आ गए, लेकिन लोकसभा चुनाव के ऐन पहले उनका मंत्री पद गया, इसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं ने उनका साथ छोड़ा और अब पटना में आवंटित लोजपा कार्यालय का आवंटन भी भवन निर्माण विभाग ने रद्द कर दिया है।

भवन निर्माण विभाग का आदेश

भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 30 मई 2006 को सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय उपयोग के लिए आवास संख्या - 01 व्हीलर रोड, पटना आवंटित किया था। जिसका नवीकरण 2019 से लंबित था।

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पार्टी कार्यालय के लिए भवन का आवंटन दो वर्ष के लिए किया जाएगा।

इसके बाद उसका नवीकरण करना होगा। आवेदन नवीकृत नहीं होने पर आवंटन रद्द माना जाएगा। इस वजह से लोजपा को पटना में कार्यालय उपयोग के लिए दिया गया आवंटन आदेश रद्द किया जाता है।

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