Patna Aqi: पटना में इस वर्ष 36 दिन प्रदूषण का स्तर रहा खतरनाक, पढ़ें अपने-अपने इलाके का AQI
बिहार की राजधानी पटना में भी प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है। पटना के कई इलाकों में AQI लेवल काफी हाई हो गया है। शहर में 81 दिन प्रदूषण की मात्रा खराब रिकार्ड की गई। 109 दिन राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति मध्यम रही एवं 76 दिन इसे संतोषजनक रिकार्ड किया गया। लोगों को मास्क पहनकर बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
नीरज कुमार, पटना। मौसम के करवट बदलने के साथ ही राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। इस वर्ष अब तक राजधानी में 36 दिन वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब रही। दो दिन तो राजधानी की स्थिति काफी गंभीर दर्ज की गई। शहर में 81 दिन प्रदूषण की मात्रा खराब रिकार्ड की गई। 109 दिन राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति मध्यम रही एवं 76 दिन इसे संतोषजनक रिकार्ड किया गया। इस वर्ष अब तक मात्र दस दिन ही राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति अच्छी रही है।
सात वर्षों में 2018 में सबसे ज्यादा दिन खराब रही स्थिति
वर्ष-ज्यादा प्रदूषित दिन
2017 -85 दिन प्रदूषण
2018-108 दिन प्रदूषण
2019 -57 दिन प्रदूषण
2020 -31 दिन प्रदूषण
2021 -32 दिन प्रदूषण
2022 -102 दिन प्रदूषण
2020 में 48 एवं 2021 में 14 दिन स्वच्छ रहा राजधानी का वातावरण
पिछले सात वर्षों में कोरोना के दौर में राजधानी का वातावरण काफी साफ रहा। खासकर 2020 में राजधानी का वातावरण 48 दिनों तक साफ रहा। वहीं 2021 में 14 दिनों तक वातावरण की स्थिति काफी बेहतर रही। वहीं 2022 में मात्र चार दिन ही वातावरण स्वच्छ रहा। वहीं 2017 एवं 2018 में मात्र दो-दो दिन वातावरण स्वच्छ रहा।
नमी, धूलकण एवं धुआं से वायु प्रदूषण की स्थिति हो रही खराब
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.डीके शुक्ला का कहना है कि आजकल वातावरण में नमी काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही हवा की गति काफी धीमी है। वातावरण में तैर रहे धूलकण नमी के कारण धरती से अधिक ऊंचाई तक फैल नहीं पा रहे हैं, जिससे धरती के समीप ही नमी एवं धूलकण की एक लेयर बन रही है। उससे वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इस तरह की स्थिति जाड़े भर रह सकती है। उसके बाद मौसम में बदलाव होने पर प्रदूषण की स्थिति में भी सुधार होगा।
मानव जनित प्रदूषण पर रोक की तैयारी
प्रदूषण बोर्ड की ओर से मानव जनित प्रदूषण पर रोक के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई। पुराने भवनों को तोड़ने एवं नये भवनों के निर्माण के लिए मानक तय कर दिए गए हैं। उसके तहत निर्माण एजेंसियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्हें समय-समय पर पानी का छिड़काव करना है। ग्रीन चादर के अंदर ही निर्माण करना है। मानकों को पालन न करने वाली एजेंसी पर जुर्माना लगना भी शुरू हो गया है।
वायु प्रदूषण का मानक (एक्यूआइ)
0- 50 : अच्छा
51-100 : संतोषजनक
101-200 : मध्यम
201-300 : खराब
301- 400 : बहुत खराब
400 से अधिक : गंभीर
राजधानी में गांधी मैदान इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित
क्षेत्र- एक्यूआइ
गांधी मैदान -432
चिड़ियाघर -401
दानापुर -360
इकोपार्क -347
तारामंडल -223
पटना सिटी -173
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