Patna: बैंक धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध को किया गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोटक महिंद्रा बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट में किए प्रविधानों के तहत कोटक महिंद्रा बैंक बोरिंग रोड शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद सुमित कुमार को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें पहले जेल भेजा इसके बाद 17 जुलाई को उन्हें 21 ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोटक महिंद्रा बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट में किए प्रविधानों के तहत कोटक महिंद्रा बैंक बोरिंग रोड शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद सुमित कुमार को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें पहले जेल भेजा इसके बाद 17 जुलाई को उन्हें 21 ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने सुमित कुमार पर आइपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाकर अपनी जांच प्रारंभ की थी। प्राथमिकी में सुमित कुमार पर आरोप लगाए गए थे कि भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकारी सह जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी (सीएएलए सह डीएलएओ) के बैंक खातों से 31.93 करोड़ रुपये के 13 फर्जी लेनदेन किए गए हैं। विभिन्न शेल, डमी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग करके धन की हेराफेरी की गई है।
सुमित कुमार ने यह कार्य अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज और आरटीजीएस फॉर्म पर हस्ताक्षर करके हस्ताक्षरकर्ता की जानकारी के बिना सीएएलए सह डीएलएओ के खातों से धन हस्तांतरित करने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने उचित सत्यापन के बगैर भुगतान प्राप्त करने में अपने पद का दुरुपयोग किया। इसके अलावा जांच में यह बात भी सामने आई कि सुमित कुमार और उनकी पत्नी के नाम पर बैंक खातों से करोड़ों रुपये के लेनदेन किया गया है, जो स्पष्ट रूप से उनकी आय के स्रोत से अधिक है।
जांच से पता चला है कि सुमित कुमार ने सरकार से धन निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे भारी सार्वजनिक धन की हानि हुई। जांच में तमाम प्रमाण मिलने के बाद 10 जुलाई को सुमित कुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया और 11 जुलाई को उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया। जिसमें कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत दी। 17 जुलाई को कोर्ट ने उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। जहां वे 21 जुलाई तक रहेंगे।