बिहार की राजधानी पटना के फतुहा में मंगलवार की शाम दर्दनाक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां चल रहे शादी समारोह में एक गैस सिलेंडर अचानक फट गया। इस घटना में 14 महिला पुरुष बच्चे जख्मी हो गए। सभी को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। Fatuha News: फतुहा थाना अन्तर्गत सुलतानगंज गांव में मंगलवार की शाम करीब छह बजे विवाह के बाद चौथारी का खाना बनाने के दौरान रसोई गैस सिलेंडर में अचानक आग लगने से सिलेंडर जोरदार आवाज के साथ फट गया। करकट की छत तोड़ते हुए सिलेंडर का टुकड़ा बाहर फैल गया। इस घटना में शादी समारोह में आए 14 महिला, पुरुष, बच्चे जख्मी हो गए।
अधिकांश का हाथ, पैर और चेहरा जला है। शादी के घर में देखते ही देखते चीख पुकार मच गई। गांव के लोग भारी संख्या में मौके पर पहुंच गए। सभी घायलों को इलाज के लिए नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया। जख्मियों के साथ तथा बाद में अस्पताल पहुंचे स्वजनों के बीच रोना-बिलखना मचा रहा। इमरजेंसी तथा ओटी में जख्मियों को ले जाकर प्राथमिक उपचार किया गया।
अस्पताल में मौजूद गृहस्वामी नवल महतो ने बताया कि पुत्री मधु का कन्हाई संग सात मार्च को विवाह हुआ था। दोनों सबलपुर स्थित ससुराल में थे। इधर, घर आए मेहमानों के लिए मंगलवार की शाम चौथारी का खाना बन रहा था। इसी क्रम में रसोई के समीप माचिस जलाते ही चौदह किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर में आग पकड़ लिया।
मौजूद लोगों ने कंबल, पानी डाल कर आग बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान कई लोगों का हाथ जल गया। अचानक तेज आवाज के साथ सिलेंडर फट गया। आग से घर-परिवार के ही चौदह लोग जख्मी हो गए। अखिलेश महतो का पैर बुरी तरह से जल जाने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है।
अधीक्षक बोली- किसी को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं
एनएमसीएच की अधीक्षक प्रो. डा. अलका सिंह ने बताया कि एनएमसीएच इमरजेंसी में जख्मी ग्यारह लोगों का इलाज चल रहा है। जलने का प्रतिशत अधिकतम 15 से 20 प्रतिशत है। प्राथमिक उपचार के बाद तीन मरीज अनिता, सोनू, ईशु को घर भेज दिया गया। अन्य का उपचार जारी है। अधीक्षक ने बताया कि किसी को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। इलाज के लिए दवाइयों की कमी नहीं है।
वहीं, मरीज के स्वजन उमेश महतो, नवल महतो ने बताया कि इलाज के लिए कई दवाइयां खरीद कर लानी पड़ रही है। इमरजेंसी रजिस्टार डा. जावेद अख्तर एवं अस्पताल प्रबंधक प्रणव कुमार ने कहा कि हाथ, पैर, चेहरा तथा शरीर का अन्य हिस्सा मामूली रूप से जख्मी हुआ है।
मरहम-पट्टी कर एंटीबयोटिक दिया जा रहा है। किसी मरीज को रेफर करने की नौबत नहीं आयी है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में जिन ग्यारह लोगों का इलाज जारी है उन्हें भी जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
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ती-बिलती महिलाओं ने कहा- पहले से रिस रही होगी गैस
अस्पताल में जख्मी महिलाओं तथा रोती बिलखती अन्य महिलाओं ने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर को चेक नहीं किया गया था। पहले से सिलेंडर से गैस रिस रही होगी। माचिस जैसे ही जलाया सिलेंडर और इर्दगिर्द आग भभक गई।
इलाज में लापरवाही आरोप लगा निजी अस्पताल ले जाने की बात कही
जख्मियों का इलाज के नाम पर केवल मरहम-पट्टी किए जाने का आरोप लगाते हुए स्वजन ने आक्रोश व्यक्त किया। इनका कहना था कि अधिक जले मरीज को भी डाक्टर भर्ती नहीं कर रहे हैं। स्वजन जख्मियों को घर ले जाने की तैयारी करने लगे। उन्होंने कहा कि अब निजी अस्पताल में इलाज कराएंगे। यहां तो दवाइयां भी खरीद कर लानी पड़ी।
जख्मियों के नाम
1. बब्लू कुमार, 10 वर्ष
2. संध्या कुमारी, 12 वर्ष
3. सोनू कुमार, 25 वर्ष
4. चानो देवी, 35 वर्ष
5. अखिलेश महतो, 25 वर्ष
6. मुन्नी देवी, 30 वर्ष
7. शुभम कुमार, 4 वर्ष
8. मीना देवी, 30 वर्ष
9. रिया कुमारी, 4 वर्ष
10. पियुष कुमार, 6 वर्ष
11. अमरजीत कुमार, 10 वर्ष
12. संजीत कुमार, 8
13. ईशु कुमार, 6
14. अनिता कुमारी, 20
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