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Patna Fire News : वर्दी फट गई लेकिन नहीं रुका काम... जिंदगी और मौत के बीच फंसे लोगों के लिए देवदूत बने फायर ब्रिगेड के जवान

Patna Fire News पटना जंक्‍शन के समीप स्थित होटल पाल में गुरुवार को हुई अगलगी की घटना में छह लोगों की मौत हो गई। इस दौरान आग की लपटों के बीच फंसे हुए लोगों को बचाने में फायर बिग्रेड के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी। इस दौरान इन्‍हें अपनी फिक्र बिल्‍कुल नहीं रही। इस दौरान एक महिला कर्मी की वर्दी भी फट गई।

By Ashish Shukla Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 26 Apr 2024 12:38 PM (IST)
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जिंदगी और मौत के बीच फंसे लोगों के लिए देवदूत बने फायर ब्रिगेड के जवान
जागरण संवाददाता, पटना। Patna Fire News : आग की लपटों के बीच जब लोग जिंदगी और मौत के बीच फंसे थे, तो फायर ब्रिगेड के जवान उनके लिए देवदूत बनकर आ गए। लोगों को सही-सलामत उस खतरे से बाहर निकालने को करीब पांच घंटे तक अनवरत जुटे रहे। यह उनकी तत्परता का ही फल रहा कि कई जिंदगी बचा ली गई, अन्यथा आंकड़ा कुछ और होता।

काम का साबित हुआ हाइड्रोलिक प्लेटफार्म

ऊंचे भवनों पर लगी आग पर काबू पाने और लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में हाइड्रोलिक प्लेटफार्म भी काफी कारगर साबित हुआ। यह दर्जनों जान बचाने में सहायक हुआ।

पटना जंक्शन गोलंबर के पास चार मंजिला दो होटलों में आग के दौरान उसमें फंसे लोगों को जिस हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया, विभाग ने कुछ माह पूर्व ही उसकी खरीदारी की थी।

लोगों को बचाने के लिए लगा दी जान की बाजी

अग्निशमन विभाग के पास 52 मीटर, 42 मीटर और 32 मीटर का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है। इसके जरिए दमकल कर्मी पाल होटल के बहुमंजिला इमारत के अंदर जाकर लोगों को बचाया। हाइड्रोलिक प्लेटफार्म अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें इसमें दो इंजन लगे हैं।

अग्निशमन कार्य के दौरान यदि एक इंजन खराब हो जाता है तो तुरंत दूसरे इंजन को चालू कर बचाव कार्य जारी रखा जा सकता है। बैटरी से भी इसका संचालन संभव है। इसके ऊपरी हिस्से में लगे केज की 500 किलो भार सहन करने की क्षमता है।

बचाव कार्य के दौरान इस केज में एक साथ करीब आठ से नौ लोगों को एक साथ नीचे उतारा जा सकता है। आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के अधिकारी व जवान घटनास्थल पर पहुंच गए थे।

डीजी शोभा ओहटकर स्वयं बचाव कार्य का नेतृत्व कर रही थीं। एक महिला कर्मी की वर्दी भी फट गई, पर वे इसकी परवाह किए बिना लोगों को बचाने में जुट रहीं।

यात्रियों को करना पड़ा मुश्किलों का सामना

आगजनी के बाद एक लेन को बंद कर दिया गया था। पटना जंक्शन की तरफ आने वाली बस और आटो को रोक दिया गया था। इस वजह से स्टेशन आने वाले अधिकांश यात्रियों को पैदल ही आना पड़ रहा था।

पटना जंक्शन से आटो के लिए उन्हें जीपीओ की तरफ जाना पड़ रहा था। करीब दो घंटे तक एक ही लेन पर यात्री पैदल आ जा रहे थे।

ऑटो से उतरकर भागने लगे यात्री

होटल में आग और सिलेंडर ब्लास्ट से इलाका दहल गया। स्टेशन के पास भगदड़ मच गई। कई यात्री ऑटो से उतर कर सड़क किनारे जमा हो गए।

वहीं आसपास के लोग भी होटल के चारों तरफ जुट गए और आगजनी की घटना को अपने अपने मोबाइल में कैद करने लगे। इससे दमकल कर्मियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में पुलिस लोगों को वहां से खदेड़ते नजर आ आई। कुछ जगह बैरिकेडिंग भी की गई।

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