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पटना-गया-डोभी एनएच के सभी लेन 30 सितंबर तक होंगे चालू, NHAI ने हाईकोर्ट में दी जानकारी

पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी लेन 30 सितंबर तक चालू हो जाएंगे। साथ ही रेलवे ओवरब्रिज फ्लाईओवर के ऊपर भी दो लेन वाहनों के परिचालन के लिए चालू हो जाएगा। एनएचएआई ने पटना हाईकोर्ट में यह जानकारी दी। खंडपीठ के समक्ष एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच के निर्माण के मामले पर अगली सुनवाई चार अक्टूबर को होगी।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 09 Sep 2024 08:13 PM (IST)
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पटना-गया-डोभी एनएच के सभी लेन 30 सितंबर तक चालू हो जाएंगे। प्रतीकात्मक तस्वीर

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच के निर्माण के मामले पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि 30 सितंबर तक इस राजमार्ग के सभी लेन चालू हो जाएंगे।

साथ ही रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर के ऊपर भी दो लेन वाहनों के परिचालन के लिए चालू हो जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई चार अक्टूबर को होगी।

भूमि मालिक व निर्माणकर्ता के बीच उत्पन्न विवाद को देखने में भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण सक्षम

पटना हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय से स्पष्ट किया कि भूमि मालिक व निर्माणकर्ता के बीच का विवाद भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण देखने में सक्षम है। न्यायाधीश संदीप कुमार की एकल पीठ ने नेश इंडिया इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्णय सुनाया।

याचिकाकर्ता द्वारा बिहार रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम के तहत भू-स्वामी अलाटी की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है, इसलिए भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण को भूमि मालिक और प्रमोटर के बीच के विवाद को देखने का अधिकार नहीं है और यह विवाद जिला न्यायलय के अधीन किया जा सकता है।

एकल पीठ ने याचिका को निरस्त करते हुए मामले को वापस सुनवाई के लिए रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष भेज दिया। कोर्ट का आदेश दिया कि भूमि मालिक कंज्यूमर/अलॉटी की परिभाषा के अंतर्गत है और उच्चतम न्यायालय का भी यह आदेश है कि भूमि मालिक उपभोक्ता है और रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम किसी भी व्यक्ति पर लागू होगा।

भूमि मालिक भी किसी विवाद की स्थिति में भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण का दरवाजा खटखटा सकते हैं। भूमि मालिक की ओर से वरीय अधिवक्ता डीके सिन्हा ने अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा।

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